
PM Shri Schools New Update : राजस्थान में अन्य सरकारी स्कूलों के मुकाबले अलग पहचान देते हुए संचालित किए जा रहे पीएमश्री विद्यालयों में विशिष्ट गतिविधियां करने का फरमान तो है, लेकिन उनके बजट के नाम पर कोई आवक नहीं हो रही। प्रावधान के बावजूद राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद से पैसा नहीं मिलने से ये संस्थाएं उधारी से काम चलाने को विवश है। मौजूदा हालात यह है कि करीबन तीन-चौथाई सत्र खत्म होने को है। विद्यालयों में अब तक जो भी शैक्षणिक-सहशैक्षणिक कार्य करवाए हैं, वे संस्था प्रधानों ने उधारी पर है। अब जबकि महीनों से पैसा नहीं मिल रहा तो काम के पैसों की उगाही आ रही है और स्कूलों के प्राचार्य संकट में हैं।
प्रमुख गतिविधियां - बजट प्रावधान
1- नागरिकता कौशल संवैधानिक मूल्य एवं भारत का ज्ञान 50 हजार
2- 21वीं सदी की शिक्षा और सूचना कौशल 50 हजार
3- राष्ट्रीय आविष्कार विज्ञान (आरएए) 60 हजार
4- हरित विद्यालय 31, 500
5- आत्मरक्षा प्रशिक्षण 30 हजार
6- वार्षिक या खेल दिवस 50 हजार
7- स्पोर्ट्स ग्रांट 50 हजार
8- योगा-स्पोर्ट्स टीचर्स सेवा एक लाख।
पीएमश्री विद्यालयों में 50 हजार से एक लाख रुपए तक की बड़ी गतिविधियां है, जो तकरीबन पूरे सत्र की है। बाकायदा अगस्त से फरवरी तक टाइमफ्रेम जारी होने से इन्हें पखवाड़े या महीने के अंतराल में करानी ही होती है। इनके अलावा आईकार्ड और बैज, सेल्फी प्वाइंट, मेंटोर-मेंटी, अन्य स्कूलों से साझेदारी जैसी छोटी लेकिन आकर्षक गतिविधियां कम बजट की हैं। कुल 14 तरह की गतिविधियों पर लाखों का खर्च हर स्कूल में कराना तय है, लेकिन इनके लिए समय पर बजट नहीं मिल रहा है।
खास बात यह भी पीएमश्री विद्यालयों में चलाई जा रही गतिविधियां केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर ही हैं। इनके लिए केंद्रीय विद्यालयों में तो केंद्र से पैसा नियमित अंतराल में पहुंच रहा है, जिससे दिक्कतें नहीं है, लेकिन राज्य सरकार के अधीन बांसवाड़ा जिले की 18 स्कूलों सहित प्रदेशभर में सात सौ से ज्यादा पीएमश्री स्कूलों को बजट रेंग-रेंगकर मिलने की परेशानी रही है। इससे इन संस्थाओं के प्रधान जैसे-तैसे काम कर रहे हैं।
पीएमश्री विद्यालयों के लिए मौजूदा सत्र में मेंटोर-मेंटी का दस-दस हजार रुपए का बजट ही आया है, जिसे स्कूलों को दे रहे हैं। स्कूलों की व्यावहारिक परेशानी है, लेकिन आगे से बजट आवंटन करने पर जिले से बजट जारी करना संभव है। अन्य मदों को लेकर प्रक्रिया जारी है।
सुशील कुमार जैन, एडीपीसी समसा बांसवाड़ा
Published on:
20 Nov 2024 02:05 pm
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