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Rajasthan Politics: भजनलाल से लंबी चर्चा, वसुंधरा राजे से भी मुलाकात; PM मोदी का बांसवाड़ा दौरा दे गया कई सियासी संदेश

PM Modi Banswara Tour: प्रधानमंत्री मोदी का बांसवाड़ा दौरा सियासी संदेश भी दे गया। सभा खत्म होने के बाद पीएम जब जाने लगे तो उन्होंने मंच पर ही पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से कुछ क्षण के लिए बातचीत की।

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मंच पर पीएम मोदी के साथ सीएम भजनलाल और वसुंधरा राजे। फोटो: सोशल

बांसवाड़ा। प्रधानमंत्री मोदी का बांसवाड़ा दौरा सियासी संदेश भी दे गया। मंच पर पीएम मोदी ने बगल में बैठे सीएम भजनलाल शर्मा से विकास कार्यों को लेकर लंबी चर्चा की। वहीं, सभा खत्म होने के बाद पीएम जब जाने लगे तो उन्होंने मंच पर ही पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से कुछ क्षण के लिए बातचीत की। दोनों की बातचीत के दौरान पास ही डिप्टी सीएम दिया कुमारी भी खड़ी थीं।

वसुंधरा राजे कुछ समय से दिल्ली में लगातार बड़े नेताओं से मिल रही हैं। राजे के इन दिनों दिए जा रहे भाषण काफी चर्चाओं में भी चल रहे हैं।

पीएम मोदी ने सीएम भजनलाल से विकास कार्यों को लेकर लंबी चर्चा की। वहीं, कुछ झण के लिए पीएम मोदी ने वसुंधरा राजे से भी ​मुलाकात की। इसके अलावा पीएम ने मंच पर मौजूद सांसद महिमा कुमारी, डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ से भी बातचीत की।

सीएम से विकास कार्यों को लेकर मंथन

मंच पर पीएम मोदी के बगल में सीएम भजनलाल शर्मा बैठे थे। पूरे कार्यक्रम में दोनों के बीच कई देर तक बातचीत होती रही। माना जा रहा है कि इस दौरान प्रदेश के विकास कार्यों को लेकर दोनों के बीच चर्चा हुई है।

कुछ दिनों पहले ही सीएम दिल्ली जाकर पीएम से मिले थे। मंच पर राज्यपाल हरिभाऊ बागडे, दोनों उप मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, सांसद सीपी जोशी, मन्नालाल रावत, महिमा कुमारी, मंत्री बाबूलाल खराड़ी सहित अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

साध गए मोदी

राजस्थान का दक्षिणी आदिवासी इलाका अब केवल विकास योजनाओं का केंद्र नहीं रहा, बल्कि यहां की राजनीति की धुरी भी तेजी से बदल रही है। भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) ने जिस तरह कांग्रेस और भाजपा के बीच सेंध लगाई है, उसने समीकरण बदल दिए।

यही वजह है कि प्रधानमंत्री का बांसवाड़ा दौरा केवल न्यूक्लियर पावर प्लांट के शिलान्यास तक सीमित नहीं माना जा रहा, बल्कि इसे भाजपा की राजनीतिक रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है। बीएपी का दबदबा राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के आदिवासी अंचलों तक फैला हुआ है।