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इस तरह होगी साइबर क्राइम की बात!… वो भी बिना एक्सपर्ट के साथ

locationबारांPublished: Dec 21, 2020 11:29:50 pm

Submitted by:

mukesh gour

पुलिस में आईटी एक्सपर्ट व क्राइम सेल का टोटा, लोगों को जागरूक कर ठगी से बचाव का कर रहे जतन

इस तरह होगी साइबर क्राइम की बात!... वो भी बिना एक्सपर्ट के साथ

इस तरह होगी साइबर क्राइम की बात!… वो भी बिना एक्सपर्ट के साथ

बारां. जिले में भी आए दिन साइबर क्राइम के मामले सामने आ रहे हंै, लोगों के साथ कई तरह से धोखाधड़ी हो रही है। कई प्रकरण पुलिस तक पहुंच भी रहे हैं, लेकिन अधिकांश दर्ज नहीं हो रहे। जिले में इस वर्ष 20 दिसम्बर तक ऑनलाइन ठगी समेत साइबर क्राइम से सम्बंधित करीब 45 प्रकरण दर्ज हैं।
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गिनती के मामले
गिनती के कुछेक मामलों को छोड़कर ठगी के आरोपी कानून की पकड़ से बाहर है। साइबर अपराध के शिकार लोग पुलिस से आस लगाए हुए है। पुलिस की ओर से ठगी, हैकिंग आदि के मुकदमे दर्ज करने में रुचि नहीं दिखाकर अधिकांश परिवाद दर्ज किए जा रहे हंै। साइबर अपराधी तक पहुंचने के संसाधनों के अभाव में परिवाद की फाइलें भी ठंडे बस्ते में डाली जा रही हैं। अब लोगों को जागरूक कर साइबर अपराध पर नियंत्रण का शुगुफा अपनाया जा रहा है।
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पुलिस कॉल डिटेल, लोकेशन तक सीमित
जिला पुलिस में साइबर क्राइम से सम्बंधित प्रकरणों का खुलासा करने के लिए साधन, संसाधन, साइबर एक्सपर्ट, आईटी एक्सपर्ट आदि का टोटा है। जिला स्तर पर आई-टी एक्सपर्ट की आवश्यकता है। इसके अलावा एक्सपर्ट के उपयोग में आने वाले टूल्स नहीं हंै। शातिर धोखेबाजों की ओर से भेजे जाने वाले लिंक के बारे मेें जानकारी पढऩे वाले भी नहीं है। वर्तमान में जिला पुलिस कॉल डिटेल निकालने, मोबाइल की लोकेशन पता करने तथा फैसबुक आदि पर अपलोड जानकारियों खंगालने तक ही सीमित है। इसके अलावा फेक न्यूज वायरल करने, भावनाओं को ठेस पहुचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
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हैकर गिरफ्ïत से बाहर
इन दिनों विभिन्न सोशल मिडिया एकाउंट हैक करने वाले हैकरों ने मोबाइल चलाने वालों की नींद उड़ाई हुई है। फेसबुक आई-डी हैक कर यूजर की जानकारियां चोरी करने, चुराई गई जानकारी के आधार पर परिचितों को मैसेंजर पर मैसेज भेजकर ठगी की जा रही है। शहर समेत जिले में कई फैसबुक यूजर की फैसबुक आई-डी हैक कर उनके परिचित, मित्रों से ठगी व ठगी का प्रयास किया गया है। कुछेक परिवाद दर्ज भी हुए हंै, लेकिन कई महीनों बाद भी पुलिस की ओर से हैकर को गिरफ्तार नहीं किया गया। एक तरह से ऑनलाइन ठगी व एटीएम कार्ड के क्लोन तैयार कर खातों से राशि उड़ाने, एकाउंट हैक कर धोखाधड़ी समेत साइबर क्राइम के प्रकरणों का खुलासा करने के लिए तकनीकी संसाधनों के नाम पर पुलिस के हाथ खाली है। ऐसे में पुलिस की ओर से आवश्यक संसाधनों का इंतजाम नहीं है तो लोगों को जागरूक कर उन्हें साइबर क्राइम से बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
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जवानों को प्रशिक्षण दिलाकर साइबर सेल संचालित की हुई है। एक्सपर्ट से अपने स्तर पर टाई-अप कर प्रकरणों का खुलासा किया जाता है। लोग तुरंत सूचना दे तो पीडि़त को राहत दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
डॉ. रवि सबरवाल, पुलिस अधीक्षक
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