
बरेली. यूपी में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनने के बाद बरेली में जहां पहला मुकदमा दर्ज किया गया था, वहीं अब इस कानून के तहत पहली गिरफ्तारी भी बरेली से ही हुई है। बता दें कि गैर कानूनी धर्म परिवर्तन कानून बनते ही बरेली के थाना देवरनिया में पहला केस 28 नवंबर को दर्ज हुआ था। इस केस में उवैश अहमद नाम के एक युवक को आरोपी बनाया गया था। उवैश पर आरोप है कि उसने दूसरे संप्रदाय की लड़की को प्रलोभन देकर जबरन धर्म परिवर्तन कराने का दबाव बनाया था।
दरअसल, देवरनिया थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासी युवती ने आरोप लगाया था कि उवैश तीन साल से उसे परेशान कर रहा है। उवैश धर्म परिवर्तन कर निकाह करने का दबाव बना रहा है। युवती ने परिजनाें को आपबीती बताई तो उन्होंने जून 2020 में उसकी शादी किसी दूसरी जगह कर दी। इसके बाद उवैश युवती के पिता को धमकी देता रहा। पिछले शनिवार को भी उवैश ने युवती के पिता को तमंचा दिखाकर धमकी देते हुए कहा कि तुम्हारी बेटी को अपनी शादी तोड़कर मुझसे ही निकाह करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया तो जान से मार दूंगा।
बता दें कि शनिवार को ही प्रदेश में विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम लागू कर दिया गया था। जिसके बाद रात को ही पुलिस ने नए कानून के तहत ही धारा 3/5 के तहत पहला मुकदमा दर्ज किया, लेकिन आरोपी उवैश केस दर्ज होने की भनक लगते ही फरार हो गया था।
बरेली पुलिस उवैश को पकड़ने के लिए शनिवार से ही प्रयासरत थी, लेकिन पुलिस को उसकी लोकेशन नहीं मिल पा रही थी। इसके बाद पुलिस ने उवैश के रिश्तेदारों पर दबाव बनाना शुरू किया। पुलिस ने उसके चार बहनोई और अन्य रिश्तेदारों को थाने बुलाकर पूछताछ की। इसी बीच पता चला कि उवैश दिल्ली में रहने वाले एक रिश्तेदार के यहां जाने वाला है। इससे पहले की वह दिल्ली भाग पाता पुलिस ने उसे रिछा स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया।
Published on:
03 Dec 2020 10:52 am
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