
Barmer Collectorate Terrorist attack (Patrika Photo)
Barmer Mock Drill: बाड़मेर जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में बुधवार को सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकवादियों की घुसपैठ की स्थिति को देखते हुए बड़ी मॉक ड्रिल की। इस अभ्यास में सेना, पुलिस, एयरफोर्स और बीएसएफ के जवानों ने मिलकर 35 मिनट में पूरे ऑपरेशन को अंजाम दिया।
बता दें कि मॉक ड्रिल का मकसद सीमावर्ती जिले में सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती और इमरजेंसी हालात में तुरंत प्रतिक्रिया देने की तैयारियों को परखना था। सुबह करीब 10 बजकर 10 मिनट पर तीन आतंकवादी हथियार और गोला-बारूद के साथ कलेक्ट्रेट भवन में दाखिल हुए और वहां मौजूद लोगों को बंधक बना लिया। कुछ ही देर में पुलिस टीम मौके पर पहुंची, बिल्डिंग की घेराबंदी की और नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू की। इसी दौरान आर्मी को अलर्ट किया गया।
करीब तीन ट्रकों में सवार होकर पहुंचे जवानों ने पूरे परिसर को सील किया। निगरानी के लिए आसपास की इमारतों में लगे सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। मोबाइल कमांड पोस्ट और केंद्रीय नियंत्रण केंद्र (CCC) को एक्टिव किया गया, ताकि रियल टाइम में फैसले लिए जा सकें। सेना की तीन क्विक रिएक्शन टीमें (QRT) विशेष वाहनों के साथ पहुंचीं और मोर्चा संभाला।
ऑपरेशन में डॉग स्क्वॉड की भी मदद ली गई। बिल्डिंग के मुख्य गेट को विस्फोट से उड़ाकर सेना की टीमें भीतर दाखिल हुईं। इसके बाद की कार्रवाई में एक आतंकवादी को मार गिराया, जबकि दो को सरेंडर करने पर मजबूर कर दिया गया। इस दौरान एक नागरिक घायल हुआ और दो लोगों को सुरक्षित छुड़ाया गया।
जालोर, बालोतरा और बाड़मेर जिलों के प्रशासनिक अधिकारी भी इस मॉक ड्रिल में मौजूद रहे। मौके पर आर्मी के ब्रिगेडियर सहित वरिष्ठ अधिकारी पूरी कार्रवाई की मॉनिटरिंग कर रहे थे। पिछले पांच से सात दिनों से लगातार अभ्यास कर रही टीमों ने इस ड्रिल को अंजाम दिया।
एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने बताया कि सीमावर्ती जिले की संवेदनशीलता को देखते हुए इस तरह की मॉक ड्रिल जरूरी है। इन अभ्यासों से सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया क्षमता और समन्वय की ताकत बढ़ती है। ड्रिल में 100 से ज्यादा जवान और अधिकारी शामिल हुए। इसके साथ ही एनसीसी कैडेट्स और प्रशासनिक स्टाफ ने भी हिस्सा लिया।
Updated on:
10 Sept 2025 02:48 pm
Published on:
10 Sept 2025 02:37 pm
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