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बाड़मेर में स्मार्ट मीटर विरोध: युवक को थाने उठा ले गई पुलिस, कंपनी की जबरदस्ती से भड़का मोहल्ला, Xen से सवाल-जवाब

राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्मार्ट मीटर विवाद भड़क उठा। मोहल्ले के लोगों ने विरोध जताया तो पुलिस कुछ लोगों को थाने ले गई। कंपनी की जबरदस्ती और बढ़ते बिलों के खिलाफ स्थानीय लोग एकत्र हुए थे।

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Barmer News

कंपनी की जबरदस्ती से भड़का आक्रोश (फोटो- पत्रिका)

बाड़मेर: जोधपुर विद्युत वितरण निगम की ओर से जिले में स्मार्ट मीटर लगाने की महत्वाकांक्षी योजना शुरुआत से ही लडखड़ा गई है। बाड़मेर जिले में करीब 3 लाख स्मार्ट मीटर लगाने का टेंडर जारी किया, लेकिन अब तक सिर्फ 22 हजार मीटर ही लग पाए हैं। वजह साफ है कि स्मार्ट मीटर को लेकर आमजन में आक्रोश है।


उपभोक्ताओं का दावा है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली बिल अचानक ज्यादा आने लगे हैं। मंगलवार को प्रताप जी प्रोल इलाके में विरोध ने तूल पकड़ लिया। स्थानीय उपभोक्ता अमृतलाल ने मीटर लगाने से साफ इनकार कर दिया था। लेकिन कंपनी के कर्मचारियों ने उपभोक्ता के घर सुबह जल्दी बिना सहमति के मीटर लगा दिया।

इससे गुस्साए उपभोक्ता और डिस्कॉम से जुड़ी कंपनी के कर्मचारियों के बीच जमकर बहस हुई। मामला बढ़ा तो कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पहुंची और अमृतलाल को हिरासत में लेकर थाने ले गई। सूचना मिलते ही मोहल्लेवासी बड़ी संख्या में कोतवाली थाने पहुंच गए। दबाव बढ़ने और विवाद गहराने पर पुलिस ने अमृतलाल को रिहा कर दिया। ऐसे में मोहल्ले के लोग सवाल कर रहे हैं कि उपभोक्ता को विरोध दर्ज करवाने का अधिकार भी नहीं है क्या?

कंपनी की जबरदस्ती से भड़का आक्रोश


लोगों का आरोप है कि कंपनी बिना सहमति जबरन मीटर लगाने पर उतारू है। जबकि उपभोक्ताओं की मांग है कि पहले उन्हें यह साफ बताया जाए कि स्मार्ट मीटर से फायदा क्या होगा और बिल ज्यादा क्यों आ रहे हैं।

'यह तानाशाही है'

बिना सहमति मीटर बदलना तानाशाही है। हमें स्मार्ट मीटर की पूरी जानकारी ही नहीं दी गई। पहले बताया जाए, फिर लगाया जाए। विरोध किया तो उल्टा पुलिस बुलाकर थाने ले गए। यह आमजन के अधिकारों का हनन है। सरकार स्पष्ट करे कि स्मार्ट मीटर अनिवार्य हैं या नहीं। ऊपर से चर्चा है कि इससे बिल ज्यादा आएगा, तो फिर कोई क्यों लगाएगा?
-अमृतलाल, प्रभावित उपभोक्ता

क्या है कंपनी का दावा


-उपभोक्ता को मिलेगा सटीक रीडिंग और पारदर्शी बिलिंग।
-ऑनलाइन निगरानी और रिचार्ज सुविधा से उपभोक्ता को सुविधा होगी।
-चोरी और लाइन लॉस में कमी आएगी।
-रियल टाइम डेटा से डिस्कॉम को आपूर्ति और प्रबंधन में आसानी होगी।


'हमने खुद अपने घर पर मीटर लगवाया है' (सीधी बात…कैलाश कुमार, एक्सईएन, डिस्कॉम, बाड़मेर)

सवाल : स्मार्ट मीटर की अनिवार्यता है क्या?
जवाब : स्मार्ट मीटर लगाना आवश्यक है। यदि किसी उपभोक्ता को समस्या आती है तो हमें बताए, हम तुरंत समाधान करेंगे।
सवाल : उपभोक्ताओं में यह शंका है कि स्मार्ट मीटर से बिल ज्यादा आएगा और कई मामलों में शिकायतें भी सामने आई हैं?
जवाब : यह पूरी तरह गलत है। ऐसा कोई इश्यू नहीं है। मैंने सबसे पहले अपने घर पर स्मार्ट मीटर लगवाया है। हमारे सभी कार्मिकों के घरों में भी यही मीटर लगे हैं। कहीं भी बिल ज्यादा आने जैसी स्थिति नहीं है।
सवाल : फिर लोग विरोध क्यों कर रहे हैं?
जवाब : आमजन में यह अफवाह फैली है कि स्मार्ट मीटर से बिल बढ़ेगा। जबकि सच्चाई नहीं है। शुरुआत में तकनीकी खामियां जरूर आई थीं, लेकिन अब नहीं हैं। हम उपभोक्ताओं को भरोसा दिलाने के लिए चेक मीटर भी साथ रखते हैं।
सवाल : उपभोक्ता संतुष्ट क्यों नहीं हो पा रहे?
जवाब : डिस्कॉम लगातार समझाइश कर रहा है। विरोध होने पर भी हम समझाकर उपभोक्ता को संतुष्ट करते हैं। मीटर लगाने वाली फर्म को भी पाबंद किया गया है। फिर भी जहां गड़बड़ी होगी, वहां कार्रवाई होगी।


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