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वाह रे डिजिटल इंडिया: हैलो…हैलो…आवाज नहीं आ रही, राजस्थान में यहां पेड़ पर चढ़कर मोबाइल से बात करते हैं लोग

बाड़मेर जिले के हिंडिया, शेरे का तला, चाडार मदरूप, सलारिया, कलारिया सहित सरहदी गांवों में लंबे समय से मोबाइल नेटवर्क नहीं है। 10 हजार से ज्यादा उपभोक्ता संचार, ऑनलाइन शिक्षा और सरकारी कामकाज से वंचित हैं।

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Barmer

सरहदी गांवों में नेटवर्क नहीं (फोटो- पत्रिका)

Barmer News: सरहदी बाड़मेर जिले के हिंडिया, शेरे का तला, चाडार मदरूप, सलारिया, कलारिया जैसे कई गांवों में लंबे समय से मोबाइल नेटवर्क की समस्या है। इन गांवों में नेटवर्क नहीं होने से ग्रामीणों को संचार संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।


ग्रामीणों का कहना है कि यहां आपात स्थिति में भी फोन नहीं लग पाता। इन गांवों में करीब 10 हजार मोबाइल फ़ोन उपयोगकर्ता हैं, लेकिन नेटवर्क की कमी के कारण उन्हें मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं का लाभ नहीं मिल पाता। विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा में मुश्किलें आती हैं।


कई बार की गई शिकायत


वहीं, सरकारी विद्यालय के काम, ई-मित्र की सुविधाएं, बातचीत करने में दिक्कत रहती है। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने इस समस्या को कई बार मोबाइल कंपनियों और स्थानीय विधायक तक पहुंचाया गया, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ है।
लोगों ने प्रशासन और दूरसंचार विभाग से मांग की है कि जल्द से जल्द इन गांवों के पास मोबाइल टावर स्थापित किए जाएं, जिससे ग्रामीणों को राहत मिल सके और वे देश-दुनिया से जुड़े रह सकें।


कामकाज हो रहा प्रभावित


सरहदी गांवों में मोबाइल नेटवर्क नहीं होने से सरकारी विद्यालयों सहित अन्य सरकारी विभागों के कामकाज और ग्रामीणों को बातचीत करने में समस्या हो रही है। ई-मित्र जैसे सुविधाओं का संचालन नहीं हो पा रहा है।
-सद्दाम खान, हिंडिया


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