
नक्षत्री जाणी और धर्मेंद्र डाबी (फोटो- पत्रिका)
Barmer Thar Mahotsav: बाड़मेर के थार महोत्सव में इस बार परंपरा, शान और संस्कृति की झलक देखने को मिली। आदर्श स्टेडियम में बुधवार को आयोजित थार सुंदरी में 22 वर्षीय नक्षत्री जाणी और थार श्री धर्मेंद्र डाबी ने बाजी मारी।
बता दें कि नक्षत्री जाणी ने सिर से पैर तक पारंपरिक राजस्थानी गहनों से खुद को सजाया था, जिनकी कीमत करीब 52 लाख रुपए बताई गई। वहीं, अपने रौबदार दाढ़ी-मूंछों और सादगी भरे व्यक्तित्व से दर्शकों का दिल जीतते हुए धर्मेंद्र डाबी को थार श्री का खिताब मिला।
नक्षत्री जाणी पेशे से एक नेशनल लेवल टेबल टेनिस प्लेयर हैं। फिलहाल, मुंबई के सोफिया कॉलेज से ग्रेजुएशन कर रही हैं। थार महोत्सव के लिए उन्होंने खासतौर पर बाड़मेर पहुंचकर पारंपरिक राजस्थानी परिधान और लगभग 12 प्रकार की ज्वेलरी पहनी, जिनमें झुमका, बोर, नथनी, आड़, बाजूबंद, चंद्रहार, कमरबंध, रानीहार आदि शामिल थे। इनका वजन करीब 35 तोला था।
नक्षत्री ने बताया कि तैयार होने में उन्हें करीब चार घंटे का वक्त लगा। उन्होंने कहा, कुछ गहने मां के हैं, कुछ नानी और ताई ने आशीर्वाद स्वरूप दिए। ये सिर्फ आभूषण नहीं, मेरे परिवार की परंपरा का हिस्सा हैं।
नक्षत्री ने बताया कि उन्होंने इससे पहले कभी किसी ब्यूटी कॉम्पिटिशन में हिस्सा नहीं लिया था। थार महोत्सव राजस्थान की संस्कृति और परंपरा को मंच देता है, इसलिए इसमें भाग लेना मेरे लिए सम्मान की बात थी।
उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें मुंबई से खासतौर पर बुलाया गया था। परिवार ने मोटिवेट किया। मुझे लगा कि मैं जहां भी रहूं, मेरी जड़ें राजस्थान से जुड़ी हैं और वो मेरे लहजे और व्यक्तित्व में झलकती हैं। नक्षत्री ने कहा, राजस्थानी वेशभूषा भारी होती है, लेकिन मुझे इसमें कोई परेशानी नहीं हुई। ये हमारे गौरव की निशानी है।
दूसरी ओर थार श्री प्रतियोगिता में धर्मेंद्र डाबी ने अपनी शानदार दाढ़ी-मूंछों और आत्मविश्वास से सबका दिल जीत लिया। धर्मेंद्र पेशे से मोटर मैकेनिक हैं और मोटर रिवाइंडिंग का काम करते हैं। उन्होंने कहा, कई सालों से थार महोत्सव देखने की इच्छा थी, लेकिन मंच पर आने की हिम्मत नहीं हुई। डर था कि अगर हार गया तो लोग मजाक उड़ाएंगे। इस बार उन्होंने हिम्मत जुटाई और जीत हासिल की।
धर्मेंद्र ने बताया कि उनकी दाढ़ी और मूंछें किसी प्रतियोगिता के लिए नहीं बढ़ाई गईं। यह मेरा शौक था, जो आज मेरी पहचान बन गया। इन्हें संवारने में सुबह-शाम 15 मिनट लगते हैं। मैं इसे भगवान का तोहफा मानता हूं।
महोत्सव में इस बार थार श्री प्रतियोगिता में 9 युवक और थार सुंदरी में 13 युवतियों ने भाग लिया। दोनों ही प्रतियोगिताओं का उद्देश्य राजस्थान की लोक परंपरा, पोशाक और आभूषणों को बढ़ावा देना था।
नक्षत्री ने कहा, दो साल पहले जब थार महोत्सव हुआ था, तब भी भाग लेने की इच्छा थी। लेकिन नहीं आ पाई। इस बार सपना पूरा हुआ। यह सिर्फ एक खिताब नहीं, मेरे राज्य की संस्कृति के प्रति सम्मान का प्रतीक है।
Published on:
09 Oct 2025 03:02 pm
बड़ी खबरें
View Allबाड़मेर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
