
फोटो- फेसबुक हैंडल
बाड़मेर। बाड़मेर से तीन बार विधायक रहे और हाल ही में कांग्रेस में वापसी करने वाले पूर्व विधायक मेवाराम जैन के खिलाफ लगे आपत्तिजनक पोस्टरों की गुत्थी पुलिस अब तक नहीं सुलझा पाई है। हालांकि, जांच में जुटी पुलिस की तीन विशेष टीमें लगातार सुराग तलाश रही हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि पुलिस मामले के बेहद करीब पहुंच चुकी है। इस पूरे प्रकरण की मॉनिटरिंग स्वयं पुलिस अधीक्षक नरेंद्रसिंह मीना कर रहे हैं।
पूर्व विधायक मेवाराम जैन शनिवार को बाड़मेर लौटने वाले थे, उससे पहले ही बाड़मेर, बालोतरा और बायतु में आधी रात को उनके खिलाफ आपत्तिजनक पोस्टर और होर्डिंग्स लगाए गए। इन पोस्टरों ने कांग्रेस संगठन में हड़कंप मचा दिया। इस पर मेवाराम जैन ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई।
हर पहलू पर जांच
घटना की गंभीरता को देखते हुए बाड़मेर वृत्त डिप्टी रमेश शर्मा, कोतवाल बलभद्रसिंह और डीएसटी प्रभारी महिपालसिंह के नेतृत्व में तीन विशेष टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें अलग-अलग एंगल से जांच कर रही हैं और हर छोटे-बड़े साक्ष्य को जोड़ने में लगी हैं। पुलिस ने अब तक कई संदिग्धों को ट्रेस किया है, लेकिन किसी को औपचारिक रूप से हिरासत में नहीं लिया गया है। सीसीटीवी फुटेज खंगालने के साथ ही तकनीकी पहलुओं पर भी जांच हो रही है।
प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि इस पूरे प्रकरण के तार बालोतरा से जुड़े हो सकते हैं। पुलिस वहां के रिकॉर्ड और गतिविधियों को खंगाल रही है। स्थानीय स्तर पर भी पुलिस की विशेष टीम लगातार पूछताछ और निगरानी कर रही है।
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
इस पूरे प्रकरण ने सोशल मीडिया पर भी जबरदस्त बहस छेड़ दी है। एक वर्ग इस तरह के पोस्टरों को घोर आपत्तिजनक और लोकतंत्र के लिए घातक बता रहा है, वहीं कुछ लोग इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का हिस्सा मान रहे हैं।
साक्ष्य हाथ लगे हैं
पुलिस इस प्रकरण को लेकर गंभीर है और तीन विशेष टीमें लगातार काम कर रही हैं। जांच में कुछ अहम साक्ष्य हाथ लगे हैं। बहुत जल्द पूरे मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।
नरेंद्रसिंह मीना, पुलिस अधीक्षक, बाड़मेर
Updated on:
29 Sept 2025 02:50 pm
Published on:
29 Sept 2025 02:46 pm
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