
रतन दवे
India-Pak International Border : भारत के ऐतराज के बाद भी पाकिस्तान की ओर से खोखरापार (वर्तमान मोरवी) में बनाए रेलवे स्टेशन तक टूरिस्ट रेल का संचालन शुरू कर दिया है। यह रेल 100 से अधिक यात्रियों को जीरो लाइन के पास तक ला रही है, जहां से पाकिस्तानी यात्रियों को भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा दिखाई जा रही है। इस स्टेशन का अवैध निर्माण 2005 में जीरो लाइन के ठीक पास किया गया था। ऐसे में अब सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
भारत-पाकिस्तान के बीच में थार एक्सप्रेस रेल सेवा-2006 में प्रारंभ हुई। इससे पहले दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर के रेलवे स्टेशन निर्माण प्रारंभ किया। भारत ने नियमों का ख्याल रखते हुए जीरो लाइन से एक किमी दूर मुनाबाव में इमीग्रेशन सेंटर और रेलवे स्टेशन बनाया, लेकिन पाकिस्तान ने खोखरापार में जीरो लाइन के ठीक पास में छपरेनुमा रेलवे स्टेशन का निर्माण करवा दिया।
उस समय भारत ने ऐतराज किया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। थार एक्सप्रेस 2019 में बंद कर दी गई। इसके बाद दोनों देशों में रेलवे स्टेशन बंद कर दिए। डीआइजी बीएसएफ बाड़मेर राजकुमार बसाटा का कहना है कि मोरवी में जीरो लाइन के पास पहली बार रेल आई है। सुरक्षा को लेकर हम पूरी निगरानी बरत रहे हैं। रेल के साथ पाक रेंजर्स भी आए थे। बीएसएफ इस रेल के आने-जाने पर चौकस है।
इस रेल ने पहला फेरा 9 फरवरी को लगाया। मोरवी स्टेशन से उतरकर यात्रियों ने भारत की सीमा को देखा। पाकिस्तान इसे थारपारकर इलाके के पर्यटन विकास की योजना बताकर प्रसारित कर रही है।
भारत में यह इलाका सुरक्षा की दृष्टि से प्रतिबंधित है। स्थानीय लोगों के अलावा कोई भी नहीं आ सकता है। भारत में मुनाबाव, रोहिड़ी और बॉर्डर के इन इलाकों में पर्यटन विकास की असीम संभावनाएं होने के बावजूद सुरक्षा की दृष्टि से प्रतिबंध हैं।
पर्यटन विकास के नाम पर पाक ने सिंध डेजर्ट सफारी नाम से रेल शुरू की है। कराची से दो दिन के लिए चलने वाली इस रेल का अंतिम स्टेशन मोरवी (खोखरापार) दिया गया है।
Updated on:
13 Feb 2025 08:58 am
Published on:
13 Feb 2025 07:58 am
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