प्रदेश में सात हजार से अधिक शराब दुकानें
राजस्थान में सात हजार से अधिक शराब दुकान हैं। इन दुकानों के समूह विभाग में शहरों में वार्ड और ग्रामीण इलाकों में पंचायतों के हिसाब से बनाए हैं। सूत्रों के मुताबिक समूह में 2 से 4 तक दुकानें हैं। इस तरह प्रदेश में करीब 2500 समूह बनना बताया जा रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पहले जो शराब कारोबार 7665 लोगों के हाथों में था। वह अब करीब 2500 लोगों के हाथों में सिमट कर रह जाएगा।राजस्थान का एक ऐसा गांव जहां सिर्फ देवी-देवताओं का है वास, चौंक गए ना
कंपनियों को बड़ी राहत, शहरों में खोल सकेंगे गोदाम
नई आबकारी नीति में शराब कंपनियों को बड़ी राहत दी गई है। अब शराब कंपनियां शहरों में गोदाम खोल सकेंगी और ठेकदारों को माल बेच सकेंगी। पहले कंपनियां को शहरों में गोदाम खोलने की अनुमति नहीं थी। कंपनी से सीधे माल आरएसबीसीएल को भेजा जाता था। वहां से ठेकेदार शराब खरीदते थे। अब ठेकेदार शहरों में शराब आपूर्ति के लिए गोदाम खोल सकेंगे।राजस्थान में ग्राम पंचायत के पुनर्गठन पर नया अपडेट, पंचायतीराज विभाग ने जारी की नई गाइडलाइन
अपराधों में आई थी कमी
राज्य में 2005 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने शराब ठेकेदारों की मोनोपॉली खत्म करने के लिए दुकानों के समूहों को खत्म कर एक-एक दुकान की लॉटरी के जरिए आवंटन करने की व्यवस्था लागू की थी। इससे बड़े शराब ठेकेदारों का इस कारोबार से एकाधिकार खत्म हो गया था और बड़ी संख्या में नए लोग इस कारोबार में आ गए थे। इससे शराब कारोबार को लेकर प्रदेश में होने वाले गैंगवार व शराब बिक्री को लेकर होने वाले अन्य अपराधों में कमी आई थी।राजस्थान में सरकारी डॉक्टर बनने की बढ़ी दीवानगी, एक पद के लिए 11 दावेदार, जानें क्या है माजरा
7,500 के बजाय करीब ढाई हजार लोगों के हाथों में रह जाएगा कारोबार
1- 04 वर्ष के लिए लाई गई है इस बार शराब नीति।2- 02 से 4 दुकानें एक समूह में होंगी शामिल।
2- 358 जयपुर की दुकानों को करीब 140 समूह में बांटा।