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देश की माटी को तरते रेशमा के शव को सुषमा स्वराज के ट्वीट का इंतजार

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barmer reshma

बाड़मेर। बाड़मेर की रेशमा के पाकिस्तान में पड़े शव को विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के एक और ट्वीट की सख्त जरूरत है ताकि उसकी मिट्टी को देश की माटी नसीब हो। 27 जुलाई को विदेश मंत्री के ट्वीट बाद भारत पाकिस्तान दोनों और से हुए प्रयास से रेशमा के शव को भारत लाने की इजाजत तो मिल गई लेकिन थार एक्सप्रेस चूक जाने से अब शव को लेकर परिजन मीरपुर खास में इस इंतजार में बैठे है कि उनकी कोई मदद हो और मुनाबाव के रास्ते शव आज ही लाने दिया जाए। 5 दिन से रेशमा की देश की माटी को तरस रही है।

बाड़मेर के अगासडी गांव की 65 वर्षीय रेशमा के इंतकाल बाद विदेश मंत्री का एक ट्वीट काफी असरदार हुआ था। 12 घंटे में पाकिस्तान ने एन ओ सी दे दी। वीजा कागजात अवधि बढ़ाने के लिए पाकिस्तान एमबेसी में जमा होने से परिजनों को देरी हो गई और शनिवार को थार एक्सप्रेस चूक गए।

थार एक्सप्रेस को भी स्थानीय प्रशासन ने करीब डेढ़ घंटा रोके रखा ताकि परिजन शव लेकर पहुंच जाए लेकिन दूरी ज्यादा होने से पहुंच नही पाए। अब परिजनों के लिए सबसे सही विकल्प है कि शव को मुनाबाव से लाने की विशेष इजाजत मिले।

इसके लिए परिजनों व स्थानीय प्रशासन के प्रयास बावजूद 24 घंटे से कोई उम्मीद की किरण नजर नही आ रही है। हिंदुस्तान पाकिस्तान में दोनों और बैठे परिजनो की एक ही इल्तजा है कि रेशमा की माटी को देश की मिट्टी नसीब हो जाये। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का एक और ट्वीट हो सकता है रेशमा के आखिरी सफर को हिंदुस्तान नसीब करवा दे।

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टाइम लाइन
25 जुलाई को रेशमा का इंतकाल
27 जुलाई को पत्रिका में प्रकाशित हुआ समाचार
27 जुलाई को सुबह विदेश मंत्री ने किया ट्वीट
27 जुलाई की शाम को पाकिस्तान ने दे दी एनओसी
28 जुलाई को थार एक्सप्रेस चूक गए परिजन

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गौरतलब है कि रेशमा बाड़मेर के अगासडी गांव की है। 65 वर्षीय रेशमा की उम्र के इस पड़ाव में पाकिस्तान में रह रही दो बहिनो से मिलने की इच्छा थी। बहनों से मिलकर लौटने से तीन दिन पहले 25 जुलाई कोपकिस्तान में ही इंटकाल हो गया। रेशमा के इंतकाल बाद परिजनों को शव भारत लाने की फिक्र हुई। पत्रिका ने संवेदना से जुड़े मामले को प्रकाशित किया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इसे ट्वीट कर मदद के निर्देश दिए। पाकिस्तान एम्बेसी ने 12 घंटे में समस्त प्रक्रिया पूर्ण कर शव भारत ले जाने की 27 जुलाई को इजाजत दे दी थी।

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