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रामगढ़ बांध पर कृत्रिम बारिश के लिए उड़ाया ड्रोन, 3 KM दूर जाकर खेत में गिरा, तेज आवाज सुनकर दौड़े ग्रामीण, जानिए क्या बोले

Ramgadh Dam: रामगढ़ बांध पर कृत्रिम बारिश करवाने के लिए उड़ाया गया हाइटेक ड्रोन अचानक अनियंत्रित होकर एक खेत में गिर गया। तेज आवाज सुनकर दौड़े ग्रामीण। जानिए ड्रोन का हाल देखकर क्या बोले-

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Photo- Patrika

Ramgadh Dam: रामगढ़ बांध पर कृत्रिम बारिश करवाने के लिए उड़ाया गया हाइटेक ड्रोन अचानक अनियंत्रित होकर गोपालगढ़ गांव के खेत में गिर गया। करीब 200 फीट की ऊंचाई से गिरे ड्रोन का कुछ हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। घटना के बाद खेत में बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। गौरतलब है कि रामगढ़ बांध पर कृत्रिम बरसात करवाने के लिए निजी कंपनी के साथ राज्य सरकार का एमओयू हुआ है।

इसी कड़ी में रविवार सुबह करीब 11:30 बजे कंपनी के मौसम वैज्ञानिक और विशेषज्ञ बांध पहुंचे। एआइ तकनीक से लैस ड्रोन को उड़ाकर बांध के भराव क्षेत्र में परीक्षण शुरू किया गया। पहले दो राउंड सफलतापूर्वक पूरे करने के बाद तीसरे राउंड में ड्रोन अचानक नियंत्रण से बाहर हो गया और तीन किलोमीटर दूर जाकर गोपालगढ़ गांव के नारायण मीना और लल्लूराम मीना के बाजरे के खेत में गिर गया।

ड्रोन गिरने से मची हलचल

ग्रामीणों ने बताया कि खेत में अचानक तेज आवाज सुनाई दी। पास में काम कर रही महिला किसान और बच्चे तुरंत वहां पहुंचे तो देखा कि खेत में बड़ा ड्रोन गिरा पड़ा है। देखते ही देखते बड़ी संख्या में ग्रामीण और बच्चे मौके पर जमा हो गए। ड्रोन का एक हिस्सा भी टूट गया। सूचना मिलने पर कंपनी के विशेषज्ञ वहां पहुंचे और क्षतिग्रस्त ड्रोन को वापस ले गए।

विश्वसनीयता पर उठे सवाल

रामगढ़ बांध पर कृत्रिम बारिश कराने की महत्वाकांक्षी योजना का पहला ट्रायल ही विवादों में घिर गया है। जहां एक ओर कंपनी ने इसे तकनीकी वजह बताया है, वहीं ग्रामीणों में इस प्रयोग को लेकर शंका और अविश्वास पैदा हो गया है। अब आगे के परीक्षण किस हद तक सफल होते हैं, इस पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी। ग्रामीणों का कहना है कि जिस तकनीक से बारिश कराने की उम्मीद है, वहीं परीक्षण में सफल नहीं हो पा रही।

कम्पनी का दावा

निजी कंपनी के मौसम वैज्ञानिक शशांक शर्मा ने बताया कि ड्रोन के गिरने की वजह जीपीएस सिग्नल लॉस नहीं, बल्कि ‘बर्ड हिट’ यानी पक्षी से टकराना है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं सामान्य हैं और इसका परीक्षण कार्यक्रम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ड्रोन ट्रायल आगे भी जारी रहेंगे।