
Monsoon healthy hair care tips फोटो सोर्स – Freepik
Hair Wash in Monsoon: मानसून का मौसम अपने साथ नमी, गंदगी और बालों से जुड़ी कई समस्याएं लेकर आता है। बारिश की बूंदें जहां ठंडक देती हैं, वहीं उसमें मौजूद प्रदूषण और नमी हमारे स्कैल्प और बालों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इस मौसम में बाल चिपचिपे, बेजान और उलझे हुए महसूस होते हैं। इसके अलावा डैंड्रफ, फंगल इन्फेक्शन और हेयर फॉल की समस्या भी आम हो जाती है।
ऐसे में सबसे जरूरी सवाल ये उठता है कि मानसून में हफ्ते में कितनी बार बाल धोना सही रहता है?हर किसी के बालों की बनावट और जरूरत अलग होती है। इसलिए एक ही रूटीन सभी पर लागू नहीं किया जा सकता। आइए जानते हैं कि अपने हेयर टाइप के अनुसार इस मौसम में बालों को कितनी बार धोना चाहिए और क्यों।
अगर आपके बाल जल्दी ऑइली हो जाते हैं या स्कैल्प पर सीबम अधिक बनता है, तो बारिश के मौसम में बालों को हफ्ते में 3 से 4 बार धोना चाहिए।क्योंकि मॉनसून की नमी और पसीना ऑयली स्कैल्प में फंगल इन्फेक्शन और बालों के झड़ने की संभावना बढ़ा देता है।बार-बार बाल धोने से स्कैल्प क्लीन और फ्रेश रहता है।साथ ही ध्यान रहे, हल्का और सल्फेट-फ्री शैम्पू चुनें जिससे नेचुरल ऑयल बना रहे।
ड्राई हेयर वालों के लिए हफ्ते में दो बार हेयर वॉश करना पर्याप्त है।क्योंकि ज्यादा शैम्पू करने से बाल और स्कैल्प दोनों और ड्राय हो सकते हैं, जिससे बाल टूटने और दोमुंहे होने लगते हैं।इसलिए एक असरदार मॉइस्चराइजिंग शैम्पू और कंडीशनर के साथ हर वॉश के बाद हेयर सीरम जरूर लगाएं, ताकि आपके बाल सॉफ्ट रहें और शाइनी भी।
कर्ली हेयर स्वाभाविक रूप से ड्राय होते हैं, इसलिए 1 या अधिकतम 2 बार ही बाल धोएं।क्योंकि ज्यादा वॉश से कर्ल्स अपना नेचुरल टेक्सचर खो सकते हैं और फ्रिजी हो सकते हैं।आप केवल कंडीशनर से बाल धोना (Co-washing) भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
नॉर्मल बालों को हफ्ते में 2 से 3 बार धोना सबसे संतुलित रूटीन है।क्योंकि यह स्कैल्प की सफाई और बालों की नमी का संतुलन बनाए रखता है।हल्के हर्बल शैम्पू का प्रयोग करें और स्कैल्प को साफ रखने पर ध्यान दें।
-बारिश में भीगे बालों को तुरंत वॉश करें।
-गीले बालों को तौलिए से ज़ोर से न रगड़ें, बल्कि हल्के हाथों से सुखाएं।
-हफ्ते में एक बार डीप कंडीशनिंग करें।
-स्कैल्प में गंदगी या पसीना जमा न होने दें।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Published on:
08 Jul 2025 11:40 am
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