
Court Order : कोर्ट का आदेश न मानना भारी पड़ गया है। राजस्थान में भरतपुर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय (संख्या एक) ने एक अध्यापक को 86 लाख रुपए का भुगतान नहीं करने पर जिला परिषद के भवन के साथ जिला कलेक्टर और विकास अधिकारी की गाड़ियां कुर्क करने के शुक्रवार को आदेश दिए। कोर्ट के आदेश पर जिला परिषद के भवन पर कुर्की का नोटिस तो चस्पा दिया गया है। पर कलेक्टर और विकास अधिकारी अपने कार्यालय में नहीं मिले तो उनकी गाड़ियों पर नोटिस चस्पा नहीं किया जा सका।
पूरा मामला यह है कि वर्ष 2018 में अध्यापक महेश कुमार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए भरतपुर के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय संख्या एक ने 86 लाख रुपए का भुगतान देने के आदेश शिक्षा विभाग को दिए थे। इसके खिलाफ शिक्षा विभाग ने वर्ष 2022 में राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। वहां से याचिका खारिज होने के बाद उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की गई। उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान उच्च न्यायालय के निर्णय को बरकरार रखते हुए तीन महीने में महेश शर्मा को सभी लाभ, परिलाभ देने के आदेश दिए।
इसके बाद भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना नहीं हुई तो भरतपुर के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (संख्या एक) में महेश शर्मा के अधिवक्ता ने एक इजराय पेश की। जिस पर न्यायालय ने यह आदेश दिया। शुक्रवार को जिला परिषद के भवन पर कुर्की का नोटिस चस्पा कर दिया गया। कलेक्टर के दिल्ली प्रवास पर होने और विकास अधिकारी के किसी बैठक में होने के कारण अधिकारियों के निजी सहायक को इसकी सूचना दे दी गयी। उनकी गाड़ियों पर सोमवार को नोटिस चस्पा किया जाएगा। ( वार्ता)
Updated on:
06 Dec 2024 06:33 pm
Published on:
06 Dec 2024 05:38 pm
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