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RGHS Big Update : राजस्थान गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (आरजीएचएस) का लाभ उठाने के नाम पर अब पुलिस विभाग में भी अनियमितताओं की परतें खुलने लगी हैं। जांच में पुलिस विभाग में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का मामला उजागर हुआ है। सतर्कता विभाग की जांच में पूरे प्रदेश के 137 पुलिसकर्मी शक के घेरे में हैं। इनमें सबसे ज्यादा 97 पुलिसकर्मी भरतपुर जिले से चिह्नित किए हैं।
पुलिस सतर्कता संगठन जयपुर के उप अधीक्षक श्रीराम बड़सरा ने इस संबंध में एक पत्र सभी अतिरिक्त महानिदेशक, महानिरीक्षक, जिला पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक (जीआरपी अजमेर-जोधपुर) और पुलिस उपायुक्त (मुख्यालय जयपुर व जोधपुर) को भेजा है। इसमें संदिग्ध कर्मचारियों की सूची संलग्न कर अधिकारियों से कहा कि वे अपने-अपने जिलों और बटालियनों में पदस्थ कार्मिकों की छंटनी कर निर्धारित प्रपत्र में रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
आरजीएचएस का उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों और उनके परिजन को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना था, लेकिन कथित अनियमितताओं ने इस योजना की साख पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आरोप है कि कई पुलिसकर्मियों ने इस योजना के तहत अनुचित लाभ लिया और नियमों की अनदेखी की।
सूत्रों का दावा है कि कई पुलिसकर्मियों ने एक निजी नर्सिंग होम से महिला संबंधी उपचार एवं जांच कराई। इसके बाद एक फार्मेसी से इसके बिल कटवाए गए। यह फार्मेसी जांच के दायरे में है। इसके अलावा कई पुलिसकर्मी ऐसे भी थे, जिन्होंने अपेक्स डेंटल क्लीनिक से दांतों का फर्जी इलाज कराकर कशिश फार्मेसी से बिल उठाए गए। साथ ही अन्य जगह ऐसा भी उपचार कराया गया, जो आरजीएचएस के दायरे से बाहर था।
इसके बाद कुछ सरकारी चिकित्सकों से मिलकर यहां से सरकारी पर्ची कटवाकर फार्मेसी के नाम से बिल उठाए गए। इसमें करीब एक दर्जन सरकारी चिकित्सक, तीन निजी अस्पताल एवं चार से पांच फार्मेसी शामिल हैं।
इससे पहले संयुक्त शासन सचिव (पुलिस) राकेश राजोरिया ने पत्र जारी कर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई सीओएस बैठक के निर्णयों का हवाला दिया था। इसमें स्पष्ट कहा था कि आरजीएचएस में अनियमितताओं में लिप्त पाए जाने वाले कार्मिकों के खिलाफ तुरंत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए और राज्य को हुए आर्थिक नुकसान की वसूली सुनिश्चित की जाए।
अब विभागीय जांच समितियां जिलेवार संदिग्ध पुलिसकर्मियों की भूमिका की छानबीन करेंगी। जांच में दोषी पाए जाने पर न केवल अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी, बल्कि गैरकानूनी तरीके से अर्जित लाभ की वसूली भी अनिवार्य रूप से की जाएगी।
इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से पत्र मिला है। मामले की जांच सीनियर ऑफिसर से कराई जा रही है। जांच के बाद जो भी दोषी मिलेगा, उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
दिगंत आनंद, पुलिस अधीक्षक भरतपुर
भरतपुर 97
जयपुर 08
अलवर 09
कोटा 04
जालोर 03
दौसा 03
करौली 03
जोधपुर 03
धौलपुर 02
सवाईमाधोपुर 02
झालावाड़ 01
बाड़मेर 01
झुंझुनूं 01।
Published on:
20 Sept 2025 12:39 pm
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