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बैंक खातों के जरिए साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश, 16 म्यूल अकाउंट धारक गिरफ्तार, जानें कैसे काम करता था गैंग?

Fraud News: मोहन नगर पुलिस ने साइबर ठगी में उपयोग किए जा रहे म्यूल अकाउंट के बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ करते हुए 16 खाताधारकों को गिरफ्तार किया है।

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(प्रतिकात्मक तस्वीर)

(प्रतिकात्मक तस्वीर)

Fraud News: मोहन नगर पुलिस ने साइबर ठगी में उपयोग किए जा रहे म्यूल अकाउंट के बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ करते हुए 16 खाताधारकों को गिरफ्तार किया है। इन खातों का इस्तेमाल देशभर में सक्रिय साइबर ठगों ने धोखाधड़ी से अर्जित राशि को खपाने और आगे बढ़ाने के लिए किया था।

एएसपी पद्मश्री तंवर ने बताया कि कार्रवाई भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (IyC) के समन्वय पोर्टल से मिले इनपुट के आधार पर की गई। पोर्टल से मिली जानकारी में कर्नाटक बैंक, मोहन नगर शाखा के 22 खातों में करीब 11 लाख रुपए की संदिग्ध राशि जमा पाए जाने की बात सामने आई थी। जांच में पुष्टि हुई कि ये रकम विभिन्न ऑनलाइन फ्रॉड, फिशिंग और साइबर ठगी गतिविधियों से प्राप्त की गई थी, जिसे खाताधारकों ने निकाला, खर्च किया या अन्य खातों में ट्रांसफर कर आगे बढ़ाया।

सभी आरोपी गिरफ्तार

पुलिस ने व्यापक तलाश के बाद कलविंदर सिंह, चौहान जीवन, निधि बघेल, लालकृष्ण साहू, राहुल यादव, पंकज चौबे, अक्षय सोनी, पायल सोनी, राज सिंह, राहुल कुमार जयसेल, उज्जवल सिंह, पंकज टंडन, हेमंत दलाई, रामअवतार यदु, मुकुंद सेन और राम दुबे को गिरफ्तार किया। सभी के खिलाफ धारा 317(2), 317(4), 318(4), 111, 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।

कैसे काम करता था गैंग?

एएसपी ने बताया कि आरोपी थोड़े पैसे के लालच में अपने बैंक खाते साइबर अपराधियों को उपलब्ध कराते थे। इसी के जरिए ठग धोखाधड़ी की रकम को वैध लेन-देन की तरह दिखाकर एक खाते से दूसरे खाते में खपाते थे। इस प्रक्रिया में खाताधारक स्वयं भी अपराध में सहभागी हो जाते थे।

पुलिस की अपील

एसएसपी विजय अग्रवाल ने कहा कि आम नागरिक किसी भी परिस्थिति में अपना बैंक अकाउंट, दस्तावेज या सिम कार्ड किसी दूसरे व्यक्ति को न दें। ऐसा करने पर व्यक्ति भी कानूनी कार्रवाई के दायरे में आ जाता है। उन्होंने बताया कि पुलिस भविष्य में भी ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई जारी रखेगी।