
41 साल में 10 चुनावों में केवल एक बार गैर कुर्मी को मिला है विधायक बनने का मौका
दुर्ग। CG Election 2023: पाटन में विधानसभा के चुनावों में कुर्मी समाज का वर्चस्व रहा है। पाटन के विधानसभा के रूप में अस्तित्व में आने के बाद 41 सालों में अब तक कराए गए 10 विधानसभा के चुनावों में केवल एक बार ही गैर कुर्मी विधायक बन पाया है। वर्ष 1990 में ब्राह्मण समाज के कैलाश शर्मा ने कुर्मी समाज के किलाबंदी को तोड़ा था और भाजपा प्रत्याशी के रूप में विधायक चुने गए थे। हालांकि उनका कार्यकाल महज 3 साल का रहा और इसके बाद वे वर्ष 1993 में बुरी तरह पराजित हो गए और तीसरे क्रम में पहुंच गए। पाटन विधानसभा क्षेत्र पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश शासनकाल में वर्ष 1977 में अस्तित्व में आया। इससे पहले यह क्षेत्र भाठागांव विधानसभा क्षेत्र में आता था।
अस्तित्व में आने के बाद वर्ष 1977 में यहां कराए गए विधानसभा चुनाव में केजूराम वर्मा पहले विधायक चुने गए। तब से लेकर अब तक यहां 10 विधानसभा के चुनाव कराए जा चुके हैं। इसमें 9 बार कुर्मी समाज से ही विधायक निर्वाचित हुए। केजूराम वर्मा के बाद यहां कुर्मी समाज के चेलाराम चंद्राकर और बाद में अनंतराम वर्मा विधायक बनें। इसके बाद 1990 में कैलाश शर्मा इस क्रम को तोड़ा। वर्ष 1993 से 2003 के बीच यहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यहां तिगड़ी बनाई। वर्ष 2008 में कुर्मी समाज के नेता विजय बघेल ने कांग्रेस का विजयरथ रोकते हुए भाजपा प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की। इसके बाद से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल यहां जीत दर्ज कर रहे हैं। इस बार भी मुकाबला कुर्मी वर्सेज कुर्मी ही है। ऐसे में इस बार भी कुर्मी विधायक बनना तय है।
तब समाज उतारता था पार्टियों के खिलाफ प्रत्याशी
पाटन जिले का एकमात्र विधानसभा क्षेत्र है, जहां आजादी के बाद शुरूआती चुनावों में जब राजनीतिक दलों को भी खोजने से प्रत्याशी नहीं मिलते थे, तब कुर्मी समाज की ओर से मैदान में प्रत्याशी उतारा जाता था। दुर्ग से अलग होकर पाटन का इलाका वर्ष 1967 में अलग होकर भाठागांव विधानसभा बना। तब यहां वर्ष 1967 और 1972 में केजूराम वर्मा समाज की ओर से निर्दलीय मैदान में उतकर विधायक बने थे।
कांग्रेस, भाजपा, बसपा तीनों दलों के प्रत्याशी रहे केजूराम
पाटन विधानसभा और तत्कालीन विधायक केजूराम के साथ अजब संयोग है। केजूराम कांग्रेस, भाजपा और बसपा के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में एक ही विधानसभा से चुनाव लड़ने वाले संभवत: एकमात्र प्रत्याशी होंगे। उन्होंने 8 चुनाव लड़े।
भाजपा ने आजमाया जातीय का दांव, लेकिन नहीं मिली सफलता
पाटन में कांग्रेस अब तक एक भी बार गैर कुर्मी प्रत्याशी नहीं उतारी है। वहीं भाजपा ने यहां पहले सामान्य वर्ग और बाद में साहू समाज के प्रत्याशी को उतारकर दांव आजमाया, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। सामान्य वर्ग के कैलाश शर्मा 1990 में एक बार चुनाव जीते, लेकिन दोबारा 1993 में तीसरे स्थान पर चले गए। इसके बाद पिछले चुनाव में भाजपा साहू समाज से प्रत्याशी उतारकर कुर्मी समाज के वर्चस्व को रोकने का प्रयास किया। इसके लिए राजधानी रायपुर से लाकर मोतीलाल साहू को प्रत्याशी बनाया। इसमें भी सफलता नहीं मिली तो इस बार भाजपा ने भी कुर्मी समाज का प्रत्याशी उतार लिया है।
ऐसे समझें पाटन की राजनीति को
1990
कैलाश चंद्र शर्मा बीजेपी - 23319 (जीते)
केजूराम वर्मा नि. - 20328 (हारे)
अनंतराम वर्मा कां - 18801
वोटर्स - 193700, मत - 107064 (20 प्रत्याशी)
1993
भूपेश बघेल कां. - 28537 (जीते)
केजूराम वर्मा बीएसपी - 25163 (हारे)
कैलाशचंद्र शर्मा - 17558
वोटर्स - 212594, मत - 127086, ( 21 प्रत्याशी)
1998
भूपेश बघेल कां. - 37758 (जीते)
निरूपमा चंद्राकर भाजपा - 35062 (हारे)
केजूराम वर्मा नि. - 12752
वोटर्स - 236486, मत पड़े - 130579 ( 15 प्रत्याशी)
2003
भूपेश बघेल कां. - 44217 (जीते)
विजय बघेल एनसीपी - 37308 (हारे)
गिरधर मढ़रिया भाजपा - 30205
वोटर्स - 243634, मत पड़े 154419, ( 12 प्रत्याशी)
2008
विजय बघेल भाजपा - 58956 (जीते)
भूपेश बघेल कां - 51135 (हारे)
वोटर्स - 155806, मत पड़े 123036 ( 10 प्रत्याशी)
2013
भूपेश बघेल कां- 68185 (जीते)
विजय बघेल भाजपा - 58842 (हारे)
वोटर्स - 172629, मत पड़े - 143628 ( 12 प्रत्याशी)
2018
भूपेश बघेल कां - 84352 (जीते)
मोतीलाल साहू भाजपा - 56875 (हारे)
शकुंतला साहू जोगी कांग्रेस- 13201
वोटर्स - 195539, मत पड़े - 162669,( 10 प्रत्याशी)
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Published on:
25 Oct 2023 12:16 pm
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