
CG Crime: एक तरफ छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच चल ही रही है तो दूसरी तरफ शराब कोचिए बेधड़क दूसरे प्रांतों की शराब दुर्ग-भिलाई समेत पूरे छत्तीसगढ़ में अवैध तरीके से खपा रहे हैं। इन पर आबकारी विभाग नियंत्रण कर पा रहा है न पुलिस विभाग। हालांकि चुनाव के दौरान पुलिस ने कार्रवाई कर 942 पेटी अंग्रेजी शराब को जब्त किया था पर इसको मांगाने वाले पकड़ से बाहर हैं।
तस्करों से कोचिए करीब 3600 से 5000 रुपए की दर से पेटी खरीदते हैं। इसके बाद शीशियों में मिलावट कर उसे पौवा में बदलते है। फिर एक पौवा शराब को 100 से 120 रुपए की दर पर बेच देते हैं। इसी तरह होटल व्यवसायी दूसरे प्रांत से लाए महंगी शराब को अपने होटल में खपाते हैं।
शराब की तस्करी करने वाले एक शख्स ने बताया कि छत्तीगढ़ में सरकार ठेका प्रथा बंद कर खुद शराब बेच रही है। इधर तस्करों ने शराब तस्करी करने का तरीकाबदल लिया है। अब वे किराए के कर्मचारी रखकर उनके माध्यम से तस्करी कर रहे हैं। राजनांदगांव, खैरागढ़, चिल्फी घाटी, अचानक मार्ग और सरगुजा मार्ग से दूसरे प्रांतों की शराब छत्तीसगढ़ में लाकर खपा रहे हैं।
दुर्ग जिले के आधा दर्जन से अधिक पुराने शराब तस्कर इस कृत्य में शामिल हैं। ये तस्कर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, और पंजाब के शराब ठेकेदारों से 1800 से 2200 रुपए पेटी में अंग्रेजी शराब खरीदते हैं। उसे विभिन्न जिले के कोचियों को 3600 से 5000 रुपए की दर से बेचते हैं। एक पेटी के पीछे दोगुना लाभ कमा रहे है। इस तरह राज्य सरकार को अरबों रुपए की चपत लगाई जा रही है।
निकाय व पंचायत चुनाव के समय दुर्ग पुलिस ने पाटन क्षेत्र से 500 पेटी, ग्राम डांडेसरा से 361 पेटी, मोहन नगर पुलिस ने धमधा सब्जी मंडी से 81 पेटी शराब पकड़ा था। मौके पर मिले कोचियों के खिलाफ कार्रवाई की, लेकिन अभी शराब मंगाने वाले नहीं पकड़े गए हैं।
पुराने शराब तस्कर अपने किराए के लड़कों को शराब खरीदने के लिए भेजते है। वहां वे पुराने तस्करों की जगह खुद के नाम से शराब खरीदते हैं। इसके बाद लग्जरी कार, ट्रक के जरिए लाते है। इसके लिए दूसरे जिले की पासिंग गाड़ी का उपयोग करते हैं। चेक पोस्ट या पुलिस से बचने के लिए गाड़ी में सब्जी, सीमेंट, प्लास्टिक फोम को बाहर और गाड़ियों के ऊपर रखते और उसके नीचे शराब की पेटियों को छुपाए रहते हैं।
Updated on:
27 Feb 2025 12:59 pm
Published on:
27 Feb 2025 12:57 pm
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