
भिलाई. भिलाई इस्पात संयंत्र में सुरक्षा के लिए हर शिफ्ट में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के लिए 300 जवान तैनात रहते हैं। हर तरफ सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इसक बाद भी चोरियों को सिलसिला नहीं थम रहा है। लाखों के महंगे पाट्र्स और उपकरण चोर बड़ी आसानी से पार कर दे रहे हैं। बड़ी बात तो यह है इसके बाद भी कानूनी झमेले से बचने संयंत्र प्रबंधन थाने में चोरी की रिपोर्ट तक दर्ज नहीं कराता।
भिलाई इस्पात संयंत्र के भीतर जाने चोरों ने कई सुरक्षित ठिकाने खोज निकाले हैं। संयंत्र में बिना गेटपास के पकड़े जाने वाले अधिकतर चोर इस बात को साफ करते हैं, कि वे किस तरह से बीएसपी के गेट को छोड़ दूसरे स्थान से प्रवेश करते हैं। भीतर जाने के बाद कर्मियों की भीड़ में चोर मिल जाते हैं। जिसकी वजह से उनकी पहचान करने में दिक्कत होती है।
बहाना कर बच जाते हैं
संयंत्र में जोरा तराई गेट के समीप से प्रवेश करने वाले चोर पकड़ में आते हैं, तो वे पुरैना जा रहे है बताकर बचने की कोशिश करते हैं। वहीं पुरैना से संयंत्र में प्रवेश करने वाले लोग पकड़े जाने पर जोरा तराई जाने की बात कहकर बचने की कोशिश करते हैं। चोर उस वक्त इन बहानों से बचने में कामयाब नहीं होते जब उनके पास चोरी का सामान होता है।
यहां से प्लांट में घुसते हैं चोर
पीपी यार्ड के रेलवे लाइन से होकर संयंत्र के भीतर आसानी से जाया जा सकता है।
पॉवर प्लांट-2 और मरोदा क्षेत्र में बाउंड्रीवाल छोटी हो गई है।
पुरैना क्षेत्र में भी दीवारों को कई जगह भीतर जाने के लायक चोरों ने बना दिया है।
मालगाड़ी में भी सवार होकर भीतर चले जाते हैं। खाली रैक पर बैठकर सामान समेत निकल जाते हैं।
ड्रेस कोड नहीं होने का फायदा उठाते हैं
बीएसपी में ड्रेस कोड लागू नहीं है। जिसका फायदा सबसे अधिक चोर उठा रहे हैं। सीआईएसएफ के सामने यह बड़ी चुनौती होती है कि अलग-अलग रंग के कपड़ों में चोर को वे शंका के आधार पर रोककर पूछताछ करे। इस दौरान कई बार विवाद की स्थिति बन जाती है। बीएसपी गेट पर एक सीआईएसएफ के जवान ने बीएसपी कर्मचारी को रोक दिया था, तो हाथापाई की नौबत आ गई थी।
बीएसपी में जवानों की तैनाती
मेनगेट १२
बोरिया गेट १०
मरोदा गेट १०
पुरैना गेट १०
बीएफ गेट १०
रोलिंग मिल गेट १०
जोरातराई गेट १०
बीएसपी के गेट सीआईएसएफ जवानों की संख्या
Published on:
06 Jul 2018 06:19 pm
