आईपीएस चिराग जैन ने पत्रवार्ता में मामले का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि घटना 22 अप्रैल शाम 7.30 बजे की है लेकिन पुलिस को रात करीब 10 बजे सूचना मिली। आरोपी राधेश्याम ने ही डायल 112 पर कॉल कर सूचना दी कि हलवाई ठेकेदार तितुरडीह नयापारा निवासी शेखर उर्फ बंटी (41वर्ष) अत्यधिक शराब पीकर आमापारा में गैंदी डबरी के पास शौचालय में पड़ा है। डायल-112 की टीम और उसके पीछे मोहन नगर पेट्रोलिंग टीम मौके पर पहुंच गई। जहां गैंदी डबरी निवासी आरोपी राधेश्याम यादव उर्फ बुद्धू (25वर्ष), प्रकाश यादव उर्फ पप्पू (20 वर्ष), महावीर यादव उर्फ बाठू (21 वर्ष) मिले। तीनों शेखर के पार हलवाई का काम करते हैं। पुलिस ने देखा शेखर मृत पड़ा था। पुलिस ने शव की पीएम के लिए भेजा।
इसलिए की हत्या
साढ़े चार हजार की जगह मजदूरी एक हजार दिया
डीएसपी आकांक्षा ने बताया कि शेखर ने हलवाई कार्य का मोहन नगर में बुकिंग लिया। जहां उसके साथ राधेश्याम, प्रकाश और महावीर ने 4 हजार 500 रुपए का काम किया। शोखर ने उन्हें 1 हजार रुपए पकड़ा दिया। इस पर तीनों नाराज हो गए। उसी समय तीनों ने उसे सबक सिखाने की प्लानिंग की। प्लान यह बनाया कि शेखर को गैंदी डबरी मैदान में ले जाएंगे और शराब पिलाकर उसकी धुनाई करेंगे। डीएसपी ने बताया कि तीनों ने एक राय होकर शराब पिलाने के बहाने शेखर को गैंदी डबरी ले गए। जहां खुले मैदान में शराब पार्टी की। इसके बाद तय रणनीति के तहत कम मजदूरी को लेकर बातचीत शुरू की। विवाद होने लगा फिर तीनों ने प्लान के अनुसार शेखर की पीटाई शुरू कर दी। पास में रखे डंडे से उसका चेहरा, सीना, हाथ पैर आदि स्थानों पर जमकर धुनाई की।
कोई देखे न, इसलिए उसे शौचालय में रखा
तीनों ने धुनाई कर उसे अधमरा कर दिया। कोई देख न ले इसलिए शेखर को उठाकर शौचालय के पास रख दिया। 9.30 बजे तीनों फिर उसे देखने गए। जहां रखे थे वही शेखर पड़ा मिला। फिर 10 बजे डॉयल 112 को सूचना दी।
शव ले जाने के लिए पुलिस से मांगे पैसे
जैसे पुलिस पहुंची,राधेश्याम पुलिस पर बरसने लगा कि अस्पताल ले जाने में देरी कर रहे हैं। वह शव उठाने का पैसा मांगने लगा। पुलिस के साथ वह अस्पताल गया। जहां पुलिस की मर्ग कार्रवाई में 1 बजे रात तक साथ रहा।
सीसीटीवी फुटेज में मिला क्लू
एसपी जितेन्द्र शुक्ला के निर्देश पर टीम गठित की गई। मोहन नगर थाना प्रभारी डीएसपी आकांक्षा पांडेय ने पेट्रोलिंग टीम के साथ खोजबीन शुरू की। पूछताछ में एक लड़के ने बताया कि शेखर, राधेश्याम, प्रकाश और महावीर डबरी मैदान में एक साथ शराब पी रहे थे। इसके बाद घटना स्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरे को खंगाला गया। डीएसपी ने बताया कि घटना स्थल के पास सीसीटीवी कैमरे में फुटेज मिला, जिसमें तीनों शव को उठाकर शौचालय के पास रखते हुए नजर आ रहे हैं। आरोपियों की पहचान के लिए पहले आरोपी महावीर यादव के घर गए। वहीं उसे पकड़ लिया। पूछताछ में उसने स्वीकारा कि राधेश्याम और प्रकाश के साथ मिलकर हत्या की है। पहले आरोपियों को लग रहा था कि पुलिस उन पर शक नहीं करेंगी। जब महावीर पकड़ा गया तो दोनों भागने लगे। पुलिस उस पर नजर रखी हुई थी। राधेश्याम अपनी पत्नी से और प्रकाश अपनी बहन से मिलने आए, तभी ताक में बैठी पुलिस ने दोनों को दौड़ाकर दबोच लिया।