जिले में सर्वाधिक सड़क हादसे चित्तौड़गढ़-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 48 पर होते हैं। यहां दुर्घटनाओं के बढ़ते आंकड़ों को देखते हुए पुलिस-प्रशासन ने छह ब्लैक स्पॉट चिंहित कर रखे है। यहां पर थाना पुलिस व एनएचआइ के सावधानी बरतने के चेतावनी बोर्ड लगे हैं। इसके बावजूद यहां लापरवाही एवं तेज रफ्तार जिंदगी लील रही है। इसी प्रकार एनएच स्टेट हाइवे 758 पर भी सड़क दुर्घटनाएं तेजी से बढ़ी है। जबकि जहाजपुर-शाहपुरा से जुड़ा एनएच 148 डी, मांडल से जुड़ा एनएच 48 व 158 हाइवे तथा बिजौलियां से जुड़ा एनएच 27 पर भी कई खतरे के मोड है।
यहां खतरा नहीं कम
जिले में हाइवे पर चौदह ब्लैक स्पॉट है। इनमें चित्तौड़-अजमेर मार्ग पर गुलाबपुरा में कांवलियास, मंगरोप में गुवारड़ी नाले से मंडपिया चौराहा, हमीरगढ़ में कान्याखेड़ी चौराहा, मांडल में भदालीखेड़ा व धूलखेड़ा, पुर में हजारी खेड़ा व फुटिया चौराहा है। इसी प्रकार सदर में कोटड़ी चौराहा, मांडल में धुंवाला, शाहपुरा में अरनिया घोड़ा, मांडलगढ़ में रातिया खेड़ा से लाडपुरा चौराहा, बिजौलियां में सलवाटिया, बीगोद में यश पावन धाम व कारोही में भूणास कट ब्लैक स्पॉट के रूप में चिंहित है।
तीन साल में 127 मौत
जिले में वर्ष 2022 से 2024 तक सर्वाधिक सड़क हादसे इन्हीें 14 ब्लैक स्पॉट पर हुए। तीन साल में यहां कुल 187 सड़क दुर्घटनाओं में 127 मौत हुई है। सर्वाधिक दुर्घटना कंवलियास, गुवारड़ी नाला, धुंवाला, रातियाखेड़ा व सलावटिया में हुई है। हर साल 25 हजार तक दुर्घटना
राजस्थान में सड़क दुर्घटनाओं पर नजर दौड़ाए तो हर साल 25 हजार तक दुर्घटनाएं हो रही हैं। इनमें जान गंवाने वाले लोगों की संख्या 11 से 12 हजार के बीच हैं। राज्य सरकार की वर्ष 2022 की रिपोर्ट के अनुसार 5 से 29 वर्ष आयु वर्ग की मृत्यु का प्रमुख कारण सड़क दुर्घटनाएं हैं।