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आंदोलन में उभरा आक्रोश: सरकार पर बरसी कांग्रेस, किसान रैली ने भरी हुंकार, तीन घंटे कलक्ट्रेट जाम

- फसल मुआवजा जन अधिकार आंदोलन में दिखा जमकर जोश - कांग्रेस नेता धीरज गुर्जर बोलेे, कमल का फूल अब मुरझाने लगा

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Anger erupted in the movement: Congress lashed out at the government, farmers' rally roared, Collectorate blocked for three hours

Anger erupted in the movement: Congress lashed out at the government, farmers' rally roared, Collectorate blocked for three hours

किसानों के फसल मुआवजा जन अधिकार आंदोलन ने शुक्रवार को उड़ान भरी। शहर के अहिंसा सर्किल स्थित खटीक छात्रावास में आयोजित सभा में कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व पूर्व बीज निगम अध्यक्ष धीरज गुर्जर समेत कई नेताओं ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए आड़े हाथों लिया। अतिवृष्टि से हुए मुआवजे का अभी तक भुगतान नहीं करने से आंदोलन में शामिल हुए किसानों में आक्रोश था। सभा में धीरज ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस किसानों, कारीगरों और कामगारों की पार्टी है जबकि भाजपा ने देश को अंबानी-अडानी के जरिए आर्थिक गुलामी की जंजीरों में जकड़ दिया है। भाजपा भय, भूख, भ्रष्टाचार, भाजपा और भजनलाल सब बराबर हो रहे है।

किसानों की ताकत को कम मत आंको

आंदोलन की अगुवाई कर रहे राष्ट्रीय सचिव धीरज ने सभा में किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सांसद व विधायक को जिताने की ताकत किसान के पास है। यदि मुआवजा नहीं मिलेगा तो किसानों को सड़क पर उतरना पड़ेगा। गुर्जर ने सभा के दौरान खराब मक्का की फसल हाथ में लेकर कहा कि किसान बर्बाद होती फसल को देख खून के आंसू रो रहे, लेकिन सरकार मुआवजा देने को तैयार नहीं। गुर्जर ने अपनी बात को कुछ इस तरह रखा“यह कैसे मंजर सामने आने लगे हैं, नाचते-गाते लोग चिल्लाने लगे हैं, बदल दो इस ठहरे हुए पानी को, अब तो कमल का फूल मुरझाने लगा है।

नाचते-गाते पहुंचे, पैरवी हुई तो बजी तालियां

आंदोलन को लेकर जिले के दूर-दराज क्षेत्रों से आए किसान नाचते-गाते सभा में शामिल हुए। मुआवजे समेत उनकी मांगों को नेताओं ने सम्बोधन में रखा तो तालियां बजती रही। इससे पहले किसान कांग्रेस जिलाध्यक्ष राजेश चौधरी ने सभी का स्वागत किया। सभा को पूर्व मंत्री अर्जुन बामणिया, टोडाभीम विधायक घनश्याम मेहर मीणा, हिंडोन सिटी विधायक अनिता जाटव, झालावाड़ विधायक सुरेश गुर्जर, विधायक रमिला खडिय़ा, सीडब्ल्यूसी सदस्य रघुवीर मीणा, कोटड़ी के पूर्व उप प्रधान नीरज गुर्जर, नरेन्द्र रेगर आदि ने भी सम्बोधित किया।

आगे बैलगाडि़यां चली, पीछे ढोल-ढमाके के साथ रैली

सभा के बाद हजारों की संख्या में शामिल किसानों ने रैली निकाली। रैली के आगे बैलगाडि़यां और उसके बाद डीजे और ढोल-ढमाके के साथ हाथों में तिरंगा लहराते किसान चले। कांग्रेस नेता बैलगाडि़यों पर सवार थे। रैली कलक्ट्रेट जाकर रूकी और वहां पर किसान पड़ाव डालकर बैठ गए। नेताओं ने प्रशासन व सरकार को चेताया कि मांगे नहीं मानी जाती वह कलक्ट्रेट छोड़कर नहीं जाएंगे। पहले से बड़ी संख्या में पुलिस बल कलक्ट्रेट पर तैनात था।

एक साल से अटका मुआवजा, सात दिन में खाते में आएगा

नेताओं ने कलक्टर जसमीत सिंह संधू को मांग पत्र सौपा। कई दौर की वार्ता हुई। रात नौ बजे प्रशासन की ओर से मांगों पर सहमति के बाद पड़ाव समाप्त हुआ। इनमें प्रमुख रूप से पिछले साल के डेढ़ लाख किसानों के बकाया पैसा डीएमएफटी फंड से सात से दस दिन में खाते में डालने, इस साल हुए फसल के खराबे पर 30 सितम्बर तक गिरदावर पूरी कर 15 नवम्बर तक खातों में डालने समेत कई मांग पर सहमति बनी।

कदावर नेता ने रखी दूरियां

भीलवाड़ा की सात विधानसभा सीटों में से 5 विधायक प्रत्याशी आंदोलन से नदारद दिखे। शहर कांग्रेस प्रत्याशी ओम नराणीवाल भी नहीं आए। आंदोलन की बागडोर राष्ट्रीय सचिव गुर्जर के हाथ में रही। मगर कांग्रेस के आला नेताओं ने आयोजन से दूरी बनाए रखी। सीपी जोशी, कांग्रेस उपाध्यक्ष हंगामीलाल मेवाड़ा व पूर्व मंत्री रामलाल जाट की आयोजन से दूरी से कांग्रेस की एकजुटता नहीं दिखी।

यह प्रमुख मांग छाई रही

- अतिवृष्टि से बर्बाद फसलों का मुआवजा मिले

- किसानों को मिलने वाला 5 रुपए प्रति लीटर दूध अनुदान फिर से लागू हो

- सीवरेज और स्कूलों में घटिया निर्माण की जांच व सुधार हो

- सड़कों पर पानी भरने की समस्या का स्थायी समाधान हो

- न्यायालय से स्थगन लेने वाले सरपंचों को कार्यभार से वंचित न रखा जाए

- पंचायतों के पुनर्गठन का समाधान हो

इन्होंने भी रखी अपनी बात

राजस्थान के खेत में किसानों के सपनों का खून हो गया है। मंत्री मानवीय संवेदना खोकर यात्राएं कर रहे है। सरकार प्रधानमंत्री का जन्मदिन मनाने में मशगूल है। यह उत्सव नहीं जनता के जख्मों पर नमक डालने का काम किया जा रहा है। भजनलाल को भान ही नहीं है वह कई बार प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि दे देते हैं।

- प्रतापसिंह खाचरियावास, पूर्व मंत्री

फसल का मुआवजे को लेकर किसानों को एक जुट होना होगा। यह बीड़ा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव धीरज गुर्जर ने उठाया है तो उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा।

- गायत्रीदेवी त्रिवेदी, पूर्व विधायक

अतिवृष्टि से किसानों की फसलें खराब हो गई है, लेकिन सरकार किसानों को मुआवजा देने को तैयार नहीं है। प्रदेश की पर्ची सरकार से प्रदेश की जनता अभी से ही ऊब गई है।

- अक्षय त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस