
CI Vikram Sevawat
मांडल: भीलवाड़ा पुलिस का बजरी माफिया से सांठगांठ नहीं छूट रही। ताजा उदाहरण मांडल थाने का सामने आया है। यहां थानाप्रभारी विक्रम सेवावत और उनकी टीम ने बजरी माफिया पर मेहरबानी दिखाई। मौके से पकड़ी गई जेसीबी थाने पहुंचते-पहुंचते बदल गई।
मामला उजागर हुआ तो थानाप्रभारी विक्रम सेवावत, सहायक उपनिरीक्षक नंदलाल गुर्जर और दीवान राजेंद्र सिंह को निलंबित किया गया। कार्रवाई से शहर समेत जिले के अन्य थाना प्रभारियों में भी हड़कंप मच गया। इस समय बनास, कोठारी और अन्य नदियों से सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद धड़ल्ले से बजरी दोहन हो रहा है। बिना थानाप्रभारी की मिलीभगत के यह संभव नहीं है।
उधर, सेवावत का जिले में थानों में प्रभारी रहते हुए ट्रैक रिकॉर्ड खराब रहा है। वे जहां भी रहे वहां से लाइन हाजिर हुए या निलंबित होकर गए।
नया कानून लागू होने के बाद ई-साक्ष्य अहम दस्तावेज माना जाता है। यही ई-साक्ष्य थानाप्रभारी और उनकी टीम के लिए गले की घंटी बन गया। मांडल थानाप्रभारी सेवावत ने गत दिनों अवैध बजरी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। बजरी माफिया के खिलाफ मामला दर्ज कर वाहन जब्त किए। लेकिन मौके से पकड़ी नई जेसीबी थाने आते-आते पुरानी हो गई।
जबकि मौके से ई-साक्ष्य में अपलोड किया गया फोटो नई जेसीबी का था। जबकि थाने में खड़ी जेसीबी पुरानी निकाली। वीडियो में अंतर आने पर एसपी ने निलंबित करने के आदेश दिए। गौरतलब है कि जुलाई 2024 से शुरू हुए नए कानून के चलते पुलिस को कोई भी जब्ती के मौके से वीडियो एप पर लोड करने पड़ते हैं।
वर्ष 2022 में कोटड़ी थानाप्रभारी रहते हुए विक्रम सेवावत को लाइन हाजिर किया गया। उस समय एक जुलूस में बंदूकें लहराई गईं। इसकी शिकायत सीएम तक गई। उसके बाद सेवावत को लाइन हाजिर किया। उसके बाद भीमगंज थानाप्रभारी रहते हुए भी लाइन हाजिर हुए। शकरगढ़ थानाप्रभारी रहते हुए भी सेवावत को कार्य में लापरवाही बरतने पर लाइन हाजिर कर दिया था।
Published on:
28 Sept 2025 12:31 pm
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