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भीलवाड़ा UIT में फर्जीवाड़े का बड़ा खेल: 1.66 करोड़ के टेंडर के लिए लगाया फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र, पोल खुली तो मचा हड़कंप

भीलवाड़ा UIT में 1.66 करोड़ रुपये के टेंडर में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया। ठेका हासिल करने के लिए नकली अनुभव प्रमाण पत्र पेश किया गया, जिसमें तत्कालीन आयुक्त के फर्जी हस्ताक्षर और डिस्पैच नंबर मिले। खुलासा होने पर कर्मचारियों में हड़कंप मच गया।

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Bhilwara UIT Big Scam

Bhilwara UIT Big Scam (Patrika Photo)

भीलवाड़ा: फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र से डेढ़ करोड़ का इंटरलार्किंग के निर्माण कार्य ठेका हड़पने के प्रयास का मामला सामने आने पर सोमवार को नगर विकास न्यास में हड़कंप मच गया। टेंडर लेने के लिए फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाया गया।


न्यास सचिव ललित गोयल ने मामले को गंभीर लेते हुए सुभाषनगर थाने में मामला दर्ज कराने के निर्देश दिए। वहीं, न्यास नगर परिषद (राजसमंद) के जरिए भी मामले की जांच कराएगी। पुलिस ने ठेका कंपनी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया और मामले की जांच की जा रही है।


जानकारी के अनुसार, शहर में डीएमएफटी फंड से न्यास की ओर से पांच करोड़ की लागत से रोड पर इंटरलाकिंग का निर्माण कार्य करवाना प्रस्तावित है। इसके लिए न्यास ने निविदा प्रक्रिया अपनाई है। भीलवाड़ा की तीन फर्म ने आवेदन किया। एक करोड़ 66 लाख के निर्माण कार्य के लिए मेसर्स श्यामलाल डाड फर्म ने भी आवेदन किया। तकनीकी बीड खुलने पर न्यास सचिव गोयल ने निविदा आवेदन के साथ संलग्न दस्तावेजों की जांच की।


उन्होंने मेसर्स श्यामलाल डाड फर्म के निविदा फॉर्म में लगा राजसमंद क्षेत्र में दो साल पूर्व कराए निर्माण कार्य को लेकर नगर परिषद राजसमंद की ओर से जारी अनुभव प्रमाण पत्र की सत्यता की जांच कराई।


राजसमंद के मौजूदा परिषद आयुक्त ने ऐसा कोई प्रमाण पत्र जारी करने से इंकार किया। जांच में सामने आया प्रमाण पत्र में तत्कालीन आयुक्त के हस्ताक्षर और डिस्पेच नंबर फर्जी हैं। जांच में खुलासे के बाद ठेकदारों और न्यासकर्मियों में हड़कंप मच गया।


इंटरलार्किग निर्माण कार्य लेने के लिए फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाना बड़ा गंभीर मामला है। निविदा में लगाए अनुभव पत्र जांच में फर्जी पाया है। संबंधित अभियंता व सहायक लेखा अधिकारी को मामला दर्ज कराने के निर्देश दिए।
-ललित गोयल, सचिव, नगर विकास न्यास, भीलवाड़ा


न्यास सचिव की ओर से ठेकेदार के विरुद्ध थाने में धारा-420, कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करने, षड्यंत्र रचने, स्टांप पर गलत सूचना देने, राजकीय कार्य को प्रभावित करने तथा झूठी सूचना देने एवं राजकीय अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर करने की धाराओं में रिपोर्ट दी है। मेसर्स श्यामलाल डाड फर्म के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
-शिवराज गुर्जर, थानाप्रभारी, सुभाषनगर


भीलवाड़ा उपभोक्ता भंडार में हुई गड़बड़ियों की खुलेगी पोटली


अजमेर के अतिरिक्त रजिस्ट्रार सहकारी समितियों ने भीलवाड़ा सहकारी उपभोक्ता होल सेल भंडार में पिछले पांच वर्षों के दौरान हुई अनियमितताओं की जांच शुरू कर दी है। इसके लिए सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के अतिरिक्त अधिशाषी अधिकारी आशुतोष मेहता और भीलवाड़ा क्रय विक्रय सहकारी समिति लिमिटेड भीलवाड़ा के सहायक रजिस्ट्रार भंवर सिंह राठौड़ को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।


इसे लेकर कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। जांच अधिकारी मेहता ने भंडार से विस्तृत अभिलेख मांगे हैं। इनमें पिछले पांच वर्षों में दवाइयों की खरीद का पूरा ब्योरा, खरीद की प्रक्रिया, विभाग और कॉनफैड से जारी आदेश और नियमों की प्रतियां, दवाइयों से जुड़ी शिकायतें एवं वित्तीय अनियमितताओं पर की गई कार्रवाई। औषधि नियंत्रक की ओर से लिए गए नमूनों की गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट।


साथ ही कंपनियों की ओर से दी गई स्कीम और दर निर्धारण की प्रक्रिया। पिछले पांच वर्षों में संविदा कार्मिकों की सूची और नियुक्ति प्रक्रिया। स्वीकृत स्टॉफ स्ट्रेंथ और संविदा नियुक्तियां। किराए पर लिए गए भवनों का विवरण और भुगतान रिकॉर्ड।


जांच अधिकारी की भूमिका


मेहता और राठौड़ को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे आर्थिक नुकसान की पूरी जिम्मेदारी तय करें। दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर विभाग को सौंपें। माना जा रहा है कि कुछ शिकायतों के चलते अतिरिक्त रजिस्ट्रार सहकारी समितियां को यह कदम उठाना पड़ा है। इसे लेकर पिछले कुछ दिनों से दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं।


जांच के मुख्य बिंदु


-दवाइयों की खरीद में अनियमितता
-नियम विरुद्ध दवाइयां खरीदना
-गुणवत्ताहीन और आवश्यकता से अधिक दवाइयों का क्रय
-उच्च दरों और स्कीम सहित दवाइयां खरीदकर भंडार को पहुंचाया गया
-कार्मिकों की नियम विरुद्ध नियुक्तियां
-नियमों के विपरीत भवन किराए पर लेकर किया गया भुगतान


दस्तावेज मांगे हैं…


पिछले पांच साल के रिकॉर्ड के जांच के आदेश हुए हैं। जांच अधिकारियों ने दस्तावेज मांगे हैं। वह उनको उपलब्ध करवा रहे हैं। भंडार में 34 का स्टॉफ है, इसमें से मात्र 4 लोग ही सरकारी कर्मचारी हैं। शेष सभी संविदा पर लगे हैं।
-राजेन्द्र सिंह पंवार, जीएम, सहकारी उपभोक्ता होलसेल भंडार