
Bowling and throwing machines are ready in bhilwara
सुखाडि़या स्टेडियम
गर्मी के तेवर तीखे होने के साथ ही बच्चों का गर्मियों की छुट्टियों का इंतजार बढ़ गया है। वे छुट्टियों में समर कैम्प में कुछ सीखने को लालायित हैं तो कई नाना-नानी या दादा-दादी के यहां जाने को उतावले हैं। कॉलेज व शैक्षणिक संस्थानों में भी युवा गर्मी की छुट्टियों को लेकर अपनी प्लानिंग को अंतिम रूप देने में लगे हैं।
सबकी एक ही सोच है कि इस बार छुट्टियों में एेसा सीखें या करें कि उससे उनका कॅरियर बनें। संभवत: यही कारण है कि खेलों के प्रति भी बच्चों से लेकर युवाओं का रूझान बढ़ा है। इनमें भी क्रिकेट के प्रति दीवानगी अधिक है। इसी का नतीजा है कि भीलवाड़ा शहर में क्रिकेट एकडेमी खुलने लगी है और इनसे राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी जुडऩे लगे है।
जिला क्रिकेट संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष किशोर केवलरमानी बताते है कि यहां स्टेडियम में एक दशक से बच्चों के लिए प्रशिक्षण कैम्प लगा रहे हैं। खिलाडि़यों की संख्या लगातार बढ़ रही है। क्रिकेट के मैदान पर लगातार नवाचार हो रहे है, बल्लेबाजी के लिए बॉल मशीन आ गई है।कैच लपकने के लिए थ्रो मशीन का उपयोग किया जा रहा है। वेब हेलमेट व विकेट आ गए। विकेट व मैदान का स्वरूप बदल रहा है।
टी-20 मैचों पर खासा जोर है। एेसे में विकेट को हरा भरा रखने के लिए भी कई तरह की मशीनें आ गई है। क्रिकेट के नियमों व तकनीकी में आए बदलाव से भी क्रिकेट अब बच्चों का फेवरेट हो गया है। क्रिकेट के इसी बदलाव के अनुरूप प्रतिभाओं को तलाशने के लिए क्रिकेटरों के सानिध्य में एकडेमी का गठन होने लगा है।
भीलवाड़ा यंग क्लब सचिव किशोर केवल मोदी बताते है कि यहां एकडेमी में भी बच्चों को नई तकनीकी विधा में ढाला जाएगा। कोटा मार्बल के विकेट के अलावा टफ विकेट तैयार किया गया है। बल्लेबाजों को फ ास्ट बोलिंग का अभ्यास कराने के लिए अब बॉलिंग मशीन आ गई है। दूसरी तरफ रणजी खिलाड़ी सूर्यप्रकाश सुवालका भी गौतम क्रिकेट एकडेमी में खिलाडि़यों को क्रिकेट की बारीकी सीखा रहे है।
Published on:
07 May 2018 01:42 pm
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