
महात्मा गांधी चिकित्सालय में हड्ताल समाप्त हाेेेने के बाद लगी कतार
भीलवाड़ा।
करीब एक सप्ताह के बाद सोमवार को सेहत की गाड़ी पटरी पर लौटने लगी है। जयपुर में राजकीय डॉक्टरों की स्वास्थ्य मंत्री से लम्बी वार्ता के बाद रविवार रात हड़ताल वापस लेने के निर्णय से न केवल आमजन ने सुकुन महसूस किया बल्कि आयुष और मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने भी राहत की सांस ली, जिन्हे साप्ताहिक अवकाश तक मयस्सर नहीं हो रहा था। सोमवार से सरकारी चिकित्सक काम पर लौटने लगे है। अस्पतालों में सामान्य दिनों की अपेक्षा भीड़भाड़ ज्यादा रही। वहीं कुछ डॉक्टर दोपहर बाद तक लौट आएंगे।
राजकीय सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल एक सप्ताह चली। इससे मरीजों का दर्द बढ़ा। वहीं रोगियों की नब्ज थामे बैठे मेडिकल कॉलेज और आयुष डॉक्टरों का मर्ज भी बढ़ गया। ये काम के दबाव व सात दिन में एक भी छुट्टी नहीं मिलने से तनाव में आ गए थे। इनकी छुट्टियों पर इमरजेंसी थी। साप्ताहिक अवकाश तक पर रोक थी। इसी का नतीजा था कि प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. केसी पंवार के पास अवकाश लेने वाले डॉक्टरों के प्रार्थना पत्र का अम्बार लग गया था। उल्लेखनीय है कि सेवारत सरकारी चिकित्सकों की गत सोमवार से हड़ताल पर उतरते ही मेडिकल कॉलेज के १९ और आयुष के २५ चिकित्सकों को अस्पताल में ड्यूटी पर लगाया गया था। इन्हें लगातार काम करना पड़ा।
इधर, सेवारत सरकारी डॉक्टरों के हड़ताल वापस लेने के निर्णय के बाद पुलिस ने चिकित्सकों के घर दबिश देना बंद कर दिया। इससे पहले रविवार दिन में हड़ताल में कूदे चिकित्सकों की धरपकड़ के लिए पुलिस ने नजर रखी। उनके घर के आसपास सादी वर्दी में पुलिसकर्मियों ने टोह लेने की कोशिश की। कई चिकित्सकों के घर दबिश भी दी गई। लेकिन रेस्मा से डरा एक भी चिकित्सक हाथ नहीं आया है। लगभग सभी चिकित्सकों ने भीलवाड़ा छोड़कर चले गए, जो देर रात लौटने लगे।
१०० ऑपरेशन टालडॉक्टरों के अभाव में एमजीएच में एक सप्ताह में करीब १०० बड़े ऑपरेशन टाले गए। उधर, वार्डों में भर्ती रोगी भी बिना बताए घर के लिए रवाना हो गए। कई वार्डों में इक्के-दुक्के मरीज ही भर्ती है। वार्डों में अघोषित कफ्र्यू जैसे हाल हो गए थे। सोमवार से फिर मरीज आना शुरू हो गए।
Published on:
13 Nov 2017 01:35 pm
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