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‘मां, मेरा क्या कसूर…? नवजात से क्रूरता की सारी हदें पार, मुंह में पत्थर डालकर लगा दी फेविक्विक, वीडियो देख कांप उठेगी रूह

Bhilwara News: मासूम के मुंह में छोटे पत्थर ठूंस रखे थे और होठों को फेवीक्विक से चिपका रखा था। गर्म पत्थरों पर पैर रखा था। बंद आंखों से झकझोर देने वाली पीड़ा सहन कर रहे बच्चे के मुंह से जैसे ही पत्थर निकाले, उसकी चीख निकल गई।

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बच्चे की फोटो: पत्रिका

Rajasthan Newborn Found Abandoned: क्रूरता की सभी हद पार थीं। नवजात ने अभी पूरी तरह से आंखें भी नहीं खोली थी कि उसने बंद आंखों में दुनियादारी देख ली। जन्म को 15 दिन ही हुए थे कि नवजात मौत से संघर्ष करके बाहर आ गया। संघर्ष भी ऐसा कि देखना तो दूर सुनकर भी रूह कांप उठे।

चिलचिलाती धूप और आग उगलते पत्थरों के बीच नन्ही सी जान को जैसे ही ग्रामीणों ने देखा दिल दहल गया। मासूम के मुंह में छोटे पत्थर ठूंस रखे थे और होठों को फेवीक्विक से चिपका रखा था। गर्म पत्थरों पर पैर रखा था। बंद आंखों से झकझोर देने वाली पीड़ा सहन कर रहे बच्चे के मुंह से जैसे ही पत्थर निकाले, उसकी चीख निकल गई।

बिजौलियां से 14 किलोमीटर दूर सीता कुंड महादेव मंदिर के पास हुई घटना मंगलवार को जिले समेत प्रदेश में चर्चा का विषय बन गई। किसी ने घटना का वीडियो बना लिया और बाद में यह सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ।

जिसने देखा वह दंग रह गया। बच्चा जैसे ही मौत के मुंह से बाहर आया मानो कह रहा था कि ‘मां मेरा कसूर क्या था….मरने के लिए छोड़ना था तो जन्म ही क्यों दिया’। कोख में ही मार दिया होता।

हालत नाजुक…24 घंटे निगरानी

इस मामले को लेकर नवजात का उपचार कर रही एमसीएच की शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. इंदिरा सिंह चौहान ने बताया कि बच्चे की हालत नाजुक है। उसके मुंह के आसपास चोट के निशान होने से काफी खून भी बहा है।

मुंह को क्लीन किया तो उसमें फेवीक्विक जैसा कुछ गोंद पदार्थ निकला। गर्म पत्थर पर फेंकने से शरीर का कुछ हिस्सा भी झुलसा है। पैरों में फेक्चर की संभावना के चलते एक्सरे और आवश्यक जांचें करवाई जा रही हैं। सर्जन भी बच्चे को उपचार दे रहे हैं। बच्चे का वजन 3 किलो 100 ग्राम है।

जंगल क्षेत्र: गनीमत रही समय पर पता चला

सीता कुंड महादेव मंदिर जंगल क्षेत्र में है। गनीमत रही कि बच्चे के साथ हुई क्रूरता का समय पर पता चल गया। दर्द से कराहते बच्चे की समय पर सुध लेने से जान बच गई। उसे जंगली जीव-जंतु भी शिकार बना सकते थे।

बच्चे के मुंह से पत्थर निकालते ही वहां मौजूद लोग महादेव के जयकारे लगाने लगे। जिस जगह बच्चा था उसके पास फेवीक्विक का पाउच भी मिला। ग्रामीणों ने वहां रखे पत्थर के ढेर को दूर फिकवाया। नवजात को बिजौलियां अस्पताल ले जाया गया। वहां भीलवाड़ा रैफर कर दिया। एमसीएच के एनआईसीयू में उसका इलाज चल रहा है।

पुलिस अस्पतालों का रिकॉर्ड खंगाल रही

नवजात को इस तरह कौन छोड़कर गया पुलिस इसकी पड़ताल में जुटी है। आसपास के ग्रामीणों से पूछताछ की जा रही है। वहीं मांडलगढ़ और बिजौलियां क्षेत्र के अस्पताल में पिछले दिनों हुई डिलीवरी की जानकारी जुटाई जा रही है।