30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब एंबुलेंस में तस्करी, 115 किलो अफीम डोडा पोस्त के साथ एक तस्कर गिरफ्तार

हमीरगढ़ थाना पुलिस ने बीती देर रात नाकाबंदी तोड़ भागी एम्बुलेंस से 115 किलो डोडापोस्त बरामद करते हुए बीकानेर के तस्कर को गिरफ्तार किया है

2 min read
Google source verification
Now smuggle in ambulance in bhilwara

Now smuggle in ambulance in bhilwara

मंगरोप।
क्षेत्र की हमीरगढ़ थाना पुलिस ने बीती देर रात नाकाबंदी तोड़ भागी एम्बुलेंस से 115 किलो डोडापोस्त बरामद करते हुए बीकानेर के तस्कर को गिरफ्तार किया है। एसएचओ भारत रावत में बताया कि जिला पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा के निर्देश पर नेशनल हाइवे 79 पर बरड़ौद चौराहे पर नाकाबंदी के दौरान चित्तौड़गढ़ की और से आ रही एक एम्बुलेंस को रूकवाया।

READ: पंचायत कार्यालय में छलक रहे जाम, यात्री प्रतीक्षालय बना बाइक गोदाम

एंबुलेंस के चालक ने नाकाबंदी देखकर नाकाबंदी तोड़ कर भीलवाड़ा की और एम्बुलेंस भगा ली। थानाधिकारी रावत सहित पुलिस टीम ने एंबुलेंस का करीब 30 किमी तक पीछा तक किया। एंबुलेंस भीलवाड़ा की तरफ भागते हुआ रामधाम होता हुआ पुनः चित्तौड़गढ़ हाईवे की तरफ निकली। जहां स्वरूपगंज चौराहे से रेलवे फाटक बंद होने के कारण एंबुलेंस को रोकना पडा। पुलिस में चालक को गिरफ्तार कर एंबुलेंस की तलाशी ली, जिसमे पांच प्लास्टिक के कट्टों में 115 किलो डोडा पोस्त भरा मिला।

READ:बीगोद में दूषित भोजन से छह बच्चों की तबियत बिगड़ी, भीलवाड़़ा़ रैफर

इस मामले में गिरफ्तार एंबुलेंस चालक मामराज जाट पुत्र तेजाराम जाट उम्र 33 वर्ष बीजासर तहसील डूंगरगढ़ जिला बीकानेर बताया गया है। पुलिस ने डोडा पोस्त सहित एंबुलेंस को जप्त किया। मामले की जांच एसएचओ सदर राकेश वर्मा को सौंपी गई है।

तस्करी के नए—नए रास्ते
तस्कर अफीम डोडा पोस्त की तस्करी के नए—नए रास्ते निकाल रहे है। कभी ट्रेन में तो कभी एंबुलेंस में। कई तस्करी लग्जरी कारों में तस्करी कर रहे है। गत दिनों टीम ने रेल में तस्करी करते एक जने को पकड़ा था।


नियमानुसार डोडा पोस्त नष्ट होना चाहिए
जिले सहित क्षेत्र में अफीम तुलाई के बाद खेतों में बचे डोडा चूरा को तस्कर ले जा रहे है। नियमानुसार इस डोडा को आग लगाकर नष्ट किया जाना चाहिए। विभागीय लापरवाही के चलते किसानों के पास से डोडा पोस्त नष्ट नहीं होता जिसका फायदा ये तस्कर उठाते हैं।