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बदले मौसम ने किसानों की धड़कनें की तेज, 500 रुपए देने के बावजूद नहीं मिल रहे फसल कटाई के लिए मजदूर

बदलते मौसम से बारिश आदि के खतरे से फसलों को लेकर किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही हैं।

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अशोक नोगिया/ब्यावर। खरवा क्षेत्र में कुछ दिनों से आसमान में मंडरा रहे बादलों ने किसानों की धड़कनें तेज कर रखी है। बदलते मौसम से बारिश आदि के खतरे से फसलों को लेकर किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा रही हैं। दूसरी ओर अब तक मौसम व मावठ ने किसानों का पूरा साथ दिया। इसलिए रबी की बंपर पैदावार होने की उमीद जगी है।

वर्तमान में गेहूं, जौ व चने की फसलों की लावणी चल रही है। कुछ पछेती फसलें पककर तैयार होने की स्थिति में हैं। बदलते मौसम के कारण किसान भी पकी हुई फसलों को दिन-रात एक कर समेटने के कार्य में लगे हुए हैं। कृषि कार्यालय खरवा के अनुसार कृषकों ने इस बार रबी की फसलों की 3 हजार 815 हैक्टेयर क्षेत्र में बुवाई की। इसमें 3215 हैक्टेयर में गेहूं, जौ व चना की बुवाई हुई है। कुछ पछेती फसलों को छोड़ कर वर्तमान में सभी फसलें कटने की कगार पर हैं। किसान जल्द से जल्द खेतों से फसलों को समेटने के कार्य में जुट गए हैं।

मजदूरों का अभाव

क्षेत्र में इस बार पर्याप्त मात्रा में खेतों में गेहूं व जौ की बुवाई के बाद अब फसलों को समेटने के लिए मजदूरों की कमी महसूस हो रही है। काश्तकारों ने बताया कि मौसम के बदलते तेवर के कारण खेतों में पक कर तैयार हुई फसलों को जल्द से जल्द समेटना चाहते हैं। मजदूरों के अभाव में इस कार्य में देरी हो रही है। वर्तमान में एक दिन की मजदूरी 400 से 500 रुपए देने के बावजूद फसल कटाई के लिए आसानी से मजदूर नहीं मिल रहे। इससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

बाजार में गिरे भाव

बाजार में नए गेहूं व जौ की आवक शुरू होने के साथ ही इन कृषि जिंसों के भाव भी गिर गए हैं। किसानों के लिए यह भी चिंता का एक प्रमुख कारण है। किसानों ने बताया कि उन्होंने स्वयं गत माह घर के लिए करीब 35 रुपए प्रति किलो के भाव से गेहूं खरीदा था। पशुओं के दलिए के लिए जौ 30 रुपए किलो के भाव से ली। वर्तमान में मंडी भावों के अनुसार जौ 18 से 20 रुपए और गेहूं के भाव 24 से 26 रुपए प्रति किलो पहुंच गए।

इनका कहना है…

रबी में गेहूं, जौ व चने की कटाई चल रही है। जल्द किसान फसलों को समेट लेंगे। मौसम में हो रहे बदलाव से फिलहाल फसलों को नुकसान नहीं है।

प्रियंका जाखड़, सहायक कृषि अधिकारी, खरवा

इस बार मानसून ने अच्छा साथ दिया, इसलिए पैदावार भी अच्छी हो रही है। किसानों में मायूसी इसलिए है कि वह अच्छी फसल तैयार कर अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं पर फसल तैयार होते ही भाव गिरने से उनके मंसूबों पर पानी फिर जाता है।

दयाल माली, किसान, खरवा

खेतों में इन दिनों गेहूं, जौ की लावणी चल रही है। आसमान में मंडरा रहे बादलों से किसान चिंतित हैं। फसलों को समेटने में भी मजदूरों के अभाव में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

सुबान पटेल, किसान, खरवा खरी