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विश्व रक्तदाता दिवस: खून के रिश्तों से बढ़ कर जिन्दगी का दाता, शहर में कई एेसी शख्सियत मौजूद

वस्त्रनगरी में लोग रक्तदान से घबराते नहीं, बल्कि इसे पुनीत कार्य मानते है

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World Blood Donor Day in bhilwara

World Blood Donor Day in bhilwara

भीलवाड़ा।

किसी की जिंदगी बचाने का काम सबसे बड़ा पुण्य है। रक्तदान भी एेसा ही कार्य है। वस्त्रनगरी में लोग रक्तदान से घबराते नहीं, बल्कि इसे पुनीत कार्य मानते है। यही वजह है कि भीलवाड़ा शहर में कई एेसी शख्सियत हैं, जिन्होंने तीस से अधिक बार रक्तदान किया है। इनमें से कुछ तो जरूरतमंदों के लिए भगवान के समान है, जिन्होंने मुश्किल वक्त में रक्तदान कर उनकी जिन्दगी बचाई।

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90 बार किया रक्तदान
अनिल राठी पिछले 43 साल से रक्तदान कर रहे हैं। अब तक 90 बार रक्तदान कर चुके हैं। पहली बार मां के बीमार होने पर दिल्ली में 19 वर्ष की उम्र में रक्तदान किया था। द लाइफ लाइन सोसायटी के अध्यक्ष रहते हुए कई शिविर लगाए। तीन बार पूर्व सीएम अशोक गहलोत को भी रक्त से तोल चुके है। इनकी पत्नी व बेटे-बेटी भी इनसे प्रेरित हैँ।

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34 साल में 60 बार रक्तदान
श्रवण जिन्दल पिछले 34 साल से रक्तदान कर रहे हैं। अब तक 60 बार रक्त दे चुकें। जिन्दल ने पहली बार 20 वर्ष में रक्तदान किया। पहली बार झारखण्ड में पिता के बीमार होने पर रक्तदान किया। उसके बाद सिलसिला जारी है। परिवार के लोग भी इनसे प्रेरित हैं। वे बताते हैं कि रक्तदान से शरीर पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ा।

खून की कमी से मौत का समाचार पढ़कर मिली प्रेरणा
रमेश लाठी पिछले 15 साल से रक्तदान कर रहे हैं। अब तक 43 बार रक्तदान कर चुके। लाठी का कहना है कि रक्त के अभाव में हो रही मौतों के समाचार सुनने कर कई बार मन व्यथित हुआ। इस पर उन्होंने रक्तदान का फैसला किया। इस काम में श्री गणेश उत्सव प्रबंध एवं सेवा समिति भी प्रेरणा बनी।

खुद ने 44 बार किया, पत्नी को भी जोड़ा
रमेश कोठारी पिछले 22 सालों से रक्तदान कर रहे है। अब तक 44 बार रक्तदान कर चुके हैं। कोठारी का कहना है कि सामाजिक संगठनों की प्रेरणा से रक्तदान के लिए आगे आए हैं। पत्नी सुधा भी 13 बार रक्तदान कर चुकी है। दोनों जिला स्तरीय कार्यक्रम में सम्मानित हो चुके हैं।वे और लोगों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित करते हैं।

बेटों की शादी में लगाया शिविर
जिंक कॉलोनी गुलाबपुरा निवासी राकेश वैष्णव ने 30 अप्रेल को अपने जुड़वा बेटों की शादी में कन्यादान से पहले रक्तदान शिविर लगाया। इसमें दोनों बेटों सहित समारोह में शामिल होने आए लोगों ने करीब 60 यूनिट रक्तदान किया। उन्होंने सम्मान समारोह का आयोजन कर रक्तदान में सहयोग करने वाले देशभर के 68 समन्वयकों का सम्मान किया। वैष्णव पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से भी सम्मानित हो चुके हैं।

दवा लिखाने आया दम्पती कर गया रक्तदान
महात्मा गांधी हॉस्पीटल में परिजनों के लिए दवा लिखाने आया दम्पती सुभाष - रेखा सोमाणी रक्तदान शिविर को देखकर प्रेरित हुआ। उन्होंने एक साथ रक्तदान किया, इसके बाद वे लगातार आ रहे है।