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टमाटर के बिना यहां अरारोट से बन रहा था टोमेटो केचअप, नकली फैक्ट्री का भांडाफोड़

फैक्ट्री में तैयार होने वाले टमाटर सॉस में टमाटर का इस्तेमाल ही नहीं किया जा रहा था। यहां टमाटर की जगह अरारोट और सिंथेटिक कलर से टोमेटो केचप बनाया जा रहा था।

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टमाटर के बिना यहां अरारोट से बन रहा था टोमेटो केचअप, नकली फैक्ट्री का भांडाफोड़

भिंड. मध्य प्रदेश के भिंड शहर के सूरज नगर इलाके में पुलिस ने नकली टमाटर सॉस बनाकर बाजार में खपाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है। जांच टीम को हैरानी उस समय हुई, जब उन्हें पता चला कि, फैक्ट्री में तैयार होने वाले टमाटर सॉस में टमाटर का इस्तेमाल ही नहीं किया जा रहा था। यहां टमाटर की जगह अरारोट और सिंथेटिक कलर से टोमेटो केचप बनाया जा रहा था। फैक्ट्री 700 एमएल की बोतल 8 रुपए में तैयर करके 15 से 20 रुपए में मार्केट में सप्लाई कर रही थी। यहां से ग्राहकों को ये केचअप ब्राडेंड सॉस की एक किलो कीमत यानी 140 रुपए से 10-15 रुपए कम में बेचा जा रहा था।


पुलिस रेड में मामला संदिग्ध पाए जाने के बाद फूड एंड सेफ्टी विभाग की टीम को फैक्ट्री बुलाया गया। फूड अफसरों की टीम ने सॉस के सैंपल जांच के लिए भेज दिए हैं। यह फैक्ट्री सुरेंद्र बघेल के मकान में संचालित थी। मौके पर धुरंधर सिंह बघेल नामक युवक को पकड़ा गया है, जिसने पूछताछ में बताया कि, यह फैक्ट्री झांसी मोहल्ला में रहने वाले अतुल जैन की है। फूड ऑफिसर रीना बंसल भी मौके पर पहुंच गई हैं। आगे की जांच जारी है।

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फैक्ट्री मालिक पर होगा केस दर्ज

शुरुआती जांच के आधार पर फूड इंस्पेक्टर रीना बंसल ने बताया कि, यह फैक्ट्री अवैध रूप से संचालित थी। फैक्ट्री मालिक अतुल जैन से संपर्क नहीं हो सका है। फिलहाल, पुलिस धुरंधर को पूछताछ के लिए ले गई है। फैक्ट्री सील कर दी गई है। रीना बंसल ने बताया कि, इस फैक्ट्री के जरिए उपभोक्ताओं के साथ धोखा किया जा रहा था। फिलहाल, फैक्ट्री मालिक अतुल जैन के खिलाफ मामला दर्ज किया जा रहा है।


पैकेट पर रेट डला था 25 रुपए, बाजार में 20 रुपए में बेचा जाता था

छापामारी के दौरान टीम को पता चला है कि, नकली सॉस बनाने के लिए फैक्ट्री में सिंथेटिक कलर और अरारोट को मिक्स करके तैयार किया जाता था। यहां पांच से छह प्रकार के अलग-अलग फ्लेवर में सॉस तैयार किए जाते थे। मौके से कलर और अरारोट समेत अन्य केमिकल बढ़ी मात्रा में मिले हैं। यहां तैयार होने वाला टमाटर सॉस के 700 एमएल के पैकेट पर प्राइज 25 रुपए अंकित थे, जबकि ये बाजार में 20 रुपए के अंदर खपाया जा रहा था। इन सॉस की बोतलों पर लिखा था कि, इसे पूरी तरह फ्रेश टमाटरों से बनाया जा रहा है।

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फास्ट फूड में लोग अधिकतर खा रहे थे यही सॉस

यहां तैयार होने वाला नकली टोमेटो सॉस खासतौर पर शहर के साथ साथ साथ आसपास के छोटे और बड़े फास्ट फूड कॉर्नरों पर सप्लाई किया जा रहा था। यहां से करीब एक सैकड़ा दुकानदार थोक में नकली सॉस खरीद कर ले जाते थे। बता दें कि, फैक्टरी से सबसे ज्यादा ठेलों पर खाने पीने की चीजें को बेचने वाले दुकानदार खरीदकर ले जाते थे। सस्ते दाम में सॉस को खरीदकर वे चाट, पकौड़ी, चाउमीन समेत चायनीज फास्ट फूड आइटमों के साथ ग्राहकों को खिला रहे थे। इस तरह से सीधे तौर पर ग्राहकों से धोखा किया जा रहा था।

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