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मां को झूठे आरोप में फंसाकर पहुंचाया जेल, फिर बेटी के साथ रोजाना करने लगा ज्यादती, मां बनी मासूम

locationभोपालPublished: Jan 18, 2020 04:45:06 pm

Submitted by:

Faiz

भोपाल के जेपी अस्पताल में एक 13 साल की नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया, बच्ची के बारे में जानने वाला हर व्यक्ति हैरान था कि, क्योंकि, यहां मासूम से हैवानियत करने वाला और कोई नहीं बल्कि उसी का सोतेले बाप था।
 

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मां को झूठे आरोप में फंसाकर पहुंचाया जेल, फिर बेटी के साथ रोजाना करने लगा ज्यादती, मां बनी मासूम

भोपाल/ दुष्कर्म की मानसिकता रखने वालों पर लगाम लगाए रखने के लिए भले ही न्यायपालिका द्वारा मौत की सजा सुनाकर इस कृत्य के खिलाफ सख्त रवैय्या अपनाते दिखाई दे रही है। वहीं सरकार भी ऐसे दरिंदों के खिलाफ जल्द से जल्द फैसला कराने के पक्ष में रहती है। बावजूद इसके ऐसी घटनाओं में कमी होती नजर नहीं आ रही। राजधानी भोपाल में दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया, जिसने एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने की सारी हदें पार कर दीं। भोपाल के जेपी अस्पताल में एक 13 साल की नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया, बच्ची के बारे में जानने वाला हर व्यक्ति हैरान था कि, क्योंकि, यहां मासूम से हैवानियत करने वाला और कोई नहीं बल्कि उसी का सोतेले बाप था।

 

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मां को फंसाकर करता था ज्यादती

बच्ची की व्यथा बेहद दर्दनाक है, सौतेले पिता ने बेटी को हवस का शिकार बनाने के लिए उसकी मां को पहले तो नशे का कारोबार करने के आरोप में जेल पहुंचा दिया। इसके बाद कई महीनों बेटी के मुंह में कपड़ा ठूंसकर उसके साथ ज्यादती करता रहा। पुलिस के मुताबिक, आरोपी कहीं बाहर जाता तो बेटी को ताले में बंद कर देता। ताकि, वो कहीं भाग ना जाए। बेटी द्वारा ज्यादती का विरोध करने पर दबाव बनाने के लिए मां को जान से मारने की धमकी देता था।

 

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बेटे को दिया जन्म

सौतेला पिता किस हद तक क्रूर होगा कि, उसका अत्याचार झेलते हुए 13 साल किशोरी ठीक से बोल भी नहीं पाती। वो बात करते समय हकलाने लगी है। किशोरी एक दिन किसी तरह पिता के चुंगल से निकली तो पड़ोसियों ने उसकी हालत देखी। उसे किसी तरह थाने पहुंचाया। सीहोर पुलिस ने किशोरी को अपने संरक्षण में लेकर उसे बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया। समिति ने उसे आठ दिन पहले बालिका गृह भेजा। किशोरी ने शुक्रवार को बेटे को जन्म दिया। फिलहाल, मां और बेटा दोनों स्वस्थ हैं।

 

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बच्ची ने सुनाई आपबीती

पुलिस को दिये बयान के मुताबिक, बच्ची अपनी मां के साथ बैतूल में रहती थी। पापा की मौत के बाद मां ने दूसरी शादी कर ली, वो मुझे और मेरी मां को नसरुल्लागंज ले आए। कुछ ही दिनों के बाद पापा, मां को पीटने लगे और जब मां घर पर नहीं होती थी तो उन्हें जान से मारने की धमकी देकर मेरे साथ गंदा काम करते थे। एक दिन जब वो मेरे साथ ज्यादती कर रहे थे, तो मां ने देख लिया। दोनो में उस दिन बहुत लड़ाई हुई। इस दौरान पापा ने मां को खूब पीटा। फिर पापा घर छोड़कर चले गए।

हालांकि, जब भी घर पर मां नहीं होती थी तो वो घर आकर मेरे साथ ज्यादती करते थे। किसी को कुछ बताने पर मां को मारने की धमकी देते थे। एक दिन पुलिस आई और मां को पकड़कर ले गई। बाद में पापा ने ही बताया कि, मां को नशे का कारोबार कराने का आरोप लगवाकर बंद करा दिया है, पापा ने ही पुलिस को बुलाया था। उसके बाद रोज मुंह में कपड़ा ढूंसकर पापा गंदा काम करते थे। बीच में दो बार मैं उनसे बचकर भागने में भी कामयाब हुई। पहले इछावर और फिर आमला। लेकिन दोनो ही बार उन्होंने मुझे ढूंढ लिया। एक दिन पापा घर में ताला खुला छोड़कर चले गए। मैं घर के बाहर निकली। सामने वाली दीदी ने मुझे देखा उन्होंने बाजू वाली मौसी को बुला लिया। मेरा बड़ा पेट देखकर मौसी ने कहा-तुम थाने जाओ। मैं दीदी के साथ थाने गई, जहां मामला दर्ज किया गया।

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