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रेमडेसिविर के लिए भटक रहे लोग
हालात ऐसे बन गए है कि अब श्मशानों में जगह नहीं मिल रही है। लोगों को अस्पतालों में बेड और इंजेक्शन (remadecivir injection) नहीं मिले है। राजधानी भोपाल के अलग-अलग अस्पतालों के अतिगंभीर 1600 मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की सख्त जरूरत है। इंदौर से हेलीकॉप्टर में आए 2016 रेमडेसिविर इंजेक्शन में से 670 इंजेक्शन ही भोपाल को मिल सके। बाकी संभाग के अन्य जिलों के मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में भर्ती मरीजों को भेजे गए हैं।
रेमडेसिविर के लिए भटक रहे करीब 200 मरीजों के परिजनों ने गुरुवार को कलेक्टोरेट में जमकर हंगामा किया। परिजनों ने अधिकारियों से मिलने की जिद की तो उनको मिलने नहीं दिया, गेट और बंद कर लिए इसके बाद परिजन भड़क गए और एक घंटे तक हंगामा किया। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने उन्हें किसी तरह शांत किया।
रोजना की मांग तीन हजार इंजेक्शन
लगातार मरीज बढ़ते रहने से इसकी खपत बढ़ती ही जा रही है। इधर, इंदौर से मिल रहा स्टॉक दिन ब-दिन कम होता जा रहा है। इससे मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों को 30 से 40 फीसदी ही इंजेक्शन दिए जा रहे हैं। गुरुवार को सरकार ने हेलीकॉप्टर से इंजेक्शन मंगवाए थे, भोपाल को इसमें से 670 इंजेक्शन ही दिए गए हैं। जबकि, 1600 गंभीर मरीजों को इसे लगाना है। रोजाना की मांग तीन हजार इंजेक्शन से ज्यादा की है ।
तीन दिन से नहीं मिला इंजेक्शन
कलेक्टोरेट में इंजेक्शन के लिए पहुंचे अधिकांश लोगों को पिछले तीन दिन से इंजेक्शन नहीं मिला है। किशनानी अस्पताल में हनुमंत सिंह गंभीर अवस्था में हैं। उनके परिजन तीन दिन से चक्कर काट रहे हैं, फिर भी इंजेक्शन नहीं दिए जा रहे हैं।
न्यू इरा मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल, एबीएम, अनंत श्री अस्पताल इंद्रपुरी, ग्रीन सिटी अस्पताल डीआतीइजी बंगला सहित 12 से ज्यादा अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए इंजेक्शन लेने कलेक्टोरेट पहुंचे थे। इंजेक्शन के लिए कलेक्टोरेट आए सौरभ शुक्ला ने बताया कि पिछले तीन दिन से इंजेक्शन के लिए कहा जा रहा है, पर दे कोई नहीं रहा।