
भोपाल। कांग्रेस नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ( digvijay singh ) फिर विवादित बयान देकर सुर्खियों में आ गए हैं। केंद्रीय मंत्री से लेकर भाजपा ( BJP ) के कई नेताओं ने दिग्विजय सिंह के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए इसे निंदनीय करार दिया है। इससे पहले भी दिग्विजय सिंह कई बार विवादित बयान दे चुके हैं।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह के विवादित बयान के बाद देशभर के नेताओं ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। आइए जानते हैं दिग्विजय सिंह के बयान पर कौन क्या कहता है...।
मुर्खतापूर्ण बयानों के लिए मशहूर हैं दिग्विजय
उधर केंद्रीय कौशल विकास मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने उत्तरप्रदेश के चंदौली में दिग्विजय सिंह के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। पांडे ने कहा कि दिग्विजय सिंह अपने मुर्खतापूर्ण बयानों के लिए ही मशूहर हैं। RSS और BJP को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI द्वारा फंडिंग किए जाने वाला उनका बयान भी इसी मुर्खतापूर्ण बयान का हिस्सा है।
यह था दिग्विजय सिंह का बयान
दिग्विजय सिंह ने रविवार को बीजेपी और बजरंग दल पर निशाना साधते हुए कहा था कि बीजेपी और बजरंग दल को ISI से फंडिंग मिलती है। उन्होंने यह भी कह दिया था कि मुसलमानों से ज्यादा गैर-मुसलमान ISI के लिए जासूसी कर रहे हैं।
दिग्विजय सिंह के खुद ISI से संबंध
गृह मंत्रालय में अवर सचिव रहे आरवीएस मणि ने भी दिग्विजय के विवादित बयान पर कहा कि मैं चकित हूं। उन पर तो खुद ISI से संबंध रखने के आरोप लगे थे। 2006 से 2008 की प्रेस रिपोर्टों में यह साफ तौर पर कहा गया है। मणि ने कहा कि दिग्विजय सिंह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की भाषा बोलते हैं।
क्या दिग्विजय कोई सबूत दे सकते हैं
मणि ने एक किताब लिखी थी, जिसका नाम था 'हिंदू टेरर: इनसाइडर एकाउंट ऑफ मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स 2006-2010' मणि के अनुसार, देश विरोधी गतिविधियों में लगे लोगों का कोई धर्म नहीं होता। यदि कांग्रेस नेता के पास RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के आईएसआई से लिंक का सबूत था, तो उन्हें यूपीए के शासन के दौरान ही प्रतिबंधित कर देना था।
खबरों में रहने के लिए करते हैं बयानबाजी
इधर, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी रविवार को दिग्विजय सिंह के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वे खबरों में बने रहने के लिए विवादित बयान देते रहते हैं। वे और उनके नेता पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं। बीजेपी और आरएसएस की देशभक्ति को विश्व और देश जानता हैं।
क्यों फॉर्म में हैं दिग्विजय
राजनीति के जानकार कहते हैं कि जब से सोनिया गांधी कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष बनी हैं, तब से दिग्विजय सिंह पूरी तरह से फॉर्म में आ गए हैं। यूपीए के शासनकाल में मध्यप्रदेश से लेकर दिल्ली तक खुलकर बयानबाजी करने वाले दिग्विजय सिंह को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यकाल में खास तवज्जो नहीं दी जा रही थी। आलम य था कि वे सार्वजनिक रूप से दर्द बयां कर देते थे। एक बार उन्होंने कहा था कि मेरे भाषण से कांग्रेस के वोट कटते हैं, इसलिए मैं रैलियों में नहीं जाता। गौरतलब है कि चुनाव के दौरान दिग्विजय सिंह रैलियों से नदारद रहते थे। इसकी वजह भी यह बताई जाती थी कि दिग्विजय सिंह के बयान पहले भी अच्छा-खासा नुकसान पहुंचा चुके हैं, इसलिए उनसे उचित दूरी बनाए रखना ही ठीक है। यहां तक कि पोस्टरों में भी वे गायब ही रहते थे।
-कुछ समय से राहुल गांधी के राजनीतिक 'गुरु' कहे जाने वाले दिग्विजय पार्टी में पूरी तरह से अलग-थलग पड़ते चले गए। यहां तक कि भोपाल लोकसभा सीट से प्रज्ञा सिंह ठाकुर के हाथों चुनाव भी हार गए।
-लेकिन सोनिया गांधी के कार्यकाल के दौरान दिग्विजय सिंह कांग्रेस पार्टी के नीति निर्धारकों में से एक रहते थे और राजनीतिक लड़ाई और बयानबाजी में आगे रहते थे। उनके ऊपर सोनिया गांधी का पूरा विश्वास था।
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Updated on:
02 Sept 2019 04:49 pm
Published on:
02 Sept 2019 04:37 pm
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