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एमपी में बढ़ता जा रहा जहरीले सिरप से बच्चों की मौत का आंकड़ा, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा केस

Chhindwara- एमपी में जहरीले कफ सिरप कोल्ड्रिफ से बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। सिरप पीने से किडनी फेल होने के कारण छिंदवाड़ा की एक और बच्ची ने दम तोड़ दिया।

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CG News: कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद भी प्रशासन सोया, जिले में बिना पर्ची हो रही बिक्री...(photo-patrika)

CG News: कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद भी प्रशासन सोया, जिले में बिना पर्ची हो रही बिक्री...(photo-patrika)

Chhindwara- एमपी में जहरीले कफ सिरप कोल्ड्रिफ से बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। सिरप पीने से किडनी फेल होने के कारण छिंदवाड़ा की एक और बच्ची ने दम तोड़ दिया। तामिया के जूनापानी गांव की डेढ़ साल की बच्ची धानी डेहरिया की नागपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसी के साथ प्रदेश में कोल्ड्रिफ से हुई बच्चों की मौतों का आंकड़ा बढ़कर 17 हो गया है। इस बीच एमपी और राजस्थान में जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौतों का केस सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है। देश की शीर्ष अदालत में जनहित याचिका दायर कर केंद्र सरकार को ड्रग रिकॉल पॉलिसी बनाने के निर्देश देने की अपील की गई है।

छिंदवाड़ा में जहरीले सिरप से मृत बच्चों की संख्या अब 15 हो गई है। सोमवार रात को नागपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती धानी की मौत हो गई। उसे 26 सितंबर को भर्ती कराया गया था। धानी के पिता नवीन डेहरिया ने बताया कि परासिया के डॉ. प्रवीण सोनी ने ही उसका इलाज किया था। उसे भी कोल्ड्रिफ सिरप दिया गया था। धानी की मौत के साथ ही
प्रदेश में जहरीले सिरप से मृत बच्चों की कुल संख्या 17 पर पहुंच गई है।

करीब डेढ़ दर्जन बच्चों की मौत से पूरे राज्य में हाहाकार सा मचा है। मामले की जांच के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने चार जिलों के 4 ड्रग इंस्पेक्टरों को मिलाकर स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई है। राज्य सरकार प्रदेश के ड्रग कंट्रोलर दिनेश मौर्य को हटा चुकी है जबकि सीएम डॉ. मोहन यादव ने खाद्य एवं औषधि प्रशासन के उपसंचालक शोभित कोष्टा, छिंदवाड़ा के ड्रग इंस्पेक्टर गौरव शर्मा और जबलपुर ड्रग इंस्पेक्टर शरद जैन को भी सस्पेंड कर दिया है।

बच्चों की मौतों का केस अब सुप्रीम कोर्ट में

जहरीले कफ सिरप से बच्चों की मौतों का केस अब सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है। एक अधिवक्ता विशाल तिवारी ने
जनहित याचिका लगाई है। उन्होंने मध्यप्रदेश और राजस्थान में बच्चों की मौतों के मामले की सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या सीबीआई से जांच कराने की मांग की है।

याचिका में सुप्रीम कोर्ट से केंद्र सरकार को ड्रग रिकॉल पॉलिसी और टॉक्सिकोलॉजिकल सेफ्टी प्रोटोकॉल तैयार करने के निर्देश देने को भी कहा गया है। देशभर में दवाओं में डाय एथिलिन ग्लायकॉल (DEG) और एथिलिन ग्लायकॉल (EG) की जांच कराने तथा आरोपी कंपनी की सभी दवाओं पर बैन लगाने की मांग भी की है।