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कफ सिरप से अब तक 16 मौतें, जनता पूछ रही… जिम्मेदारों को बचाने की कोशिश क्यों?

Cough Syrup Death in MP: मौत देने वाली सिरप को मध्यप्रदेश में अनुमति देने, खरीदी-बिक्री करने वालों पर आंच तक नहीं, छिंदवाड़ा जिले में मृत बच्चों की संख्या 14 पहुंची, बैतूल जिले के भी दो बच्चों की गई जान, जबलपुर आइजी ने शीलेंद्र सिंह एसआइटी बनाई है। यह तमिलनाडु जा सकती है। उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड में भी दवाओं की जांच जारी। लेकिन अब जनता मांग रही इन सवालों के जवाब...

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cough syrup death in MP

cough syrup death in MP

Cough Syrup Death in MP: प्रदेश के छिंदवाड़ा और बैतूल जिले में जहरीले कफ सिरप 'कोल्ड्रिफ' से अब तक 16 बच्चों की जान जा चुकी है। यह वो आंकड़ा है, जो ज्ञात हुआ। संख्या बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद 16 मौतों के सिर्फ दो जिम्मेदार बताए गए हैं। एक श्रीसन फार्मा कंपनी और दूसरा डॉ. प्रवीण सोनी। दोनों पर शनिवार रात एफआइआर की गई। डॉ. सोनी को गिरफ्तार कर निलंबित भी कर दिया गया है। इसके अलावा फिलहाल किसी पर कोई आंच नहीं आई है।

सहायता राशि कर दी ट्रांसफर

छिंदवाड़ा एडीएम धीरेंद्र सिंह के अनुसार मुख्यमंत्री की ओर से घोषित 4-4 लाख की सहायता राशि मृत बच्चों के परिजन के खातों में ट्रांसफर कर दी गई है। परासिया के 11, छिंदवाड़ा के 2 और चौरई के एक बच्चे के परिजन शामिल हैं। नागपुर के अस्पतालों में आठ बच्चे भर्ती हैं। चार शासकीय, एक एम्स और तीन निजी अस्पताल में। इलाज की निगरानी के लिए डॉक्टरों की तीन टीमें संपर्क में हैं। ड्रग कंट्रोलर ने जिले में जांच अभियान शुरू किया है। कई टीमों को मेडिकल स्टोर्स से प्रतिबंधित सिरप और अन्य संदिग्ध दवाओं के सैंपल लेने के निर्देश दिए गए हैं।

जनता मांग रही जवाब: विभागीय मंत्री-राज्यमंत्री ने कार्रवाई क्यों नहीं की?

-- संदिग्ध केस 24 अक्टूबर, पहली मौत का केस 7 सितंबर को आया। कार्रवाई में 42 दिन क्यों लगे, कौन जिम्मेदार है? क्या कार्रवाई होगी?

-- दवाओं की जांच के लिए नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन हैं, जिलों में निरीक्षक हैं। तब भी जहरीला सिरप मेडिकल स्टोर्स तक कैसे पहुंचा?

-- सिरप के सैंपलों की जांच उसी दिन क्यों नहीं की गई? एक सप्ताह क्यों लगा, कौन जिम्मेदार है? कार्रवाई से क्यों बचाया जा रहा?

-- परिचितों के घर सामान्य घटनाओं पर दु:ख जताने वाले विभागीय मंत्री 16 मौतों के बावजूद स्थिति समझने, पीड़ितों का हाल जानने क्यों नहीं गए?

हरकत में आया सीडीएससीओ

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने छह राज्योंमध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड , गुजरात, तमिलनाडु में जोखिम-आधारित निरीक्षण शुरू किया है। विनिर्माण इकाइयों से कफ सिरप और एंटीबायोटिक्स समेत 19 दवाओं के सैंपल लिए गए हैं।

योजिता का शव निकलवाकर पीएम

परासिया की योजिता ठाकरे का अंतिम संस्कार शनिवार को कर दिया गया था। परिजन की मांग के बाद रविवार को शव निकलवाकर पीएम कराया गया। उधर, आरोपी डॉक्टर प्रवीण सोनी को निलंबित कर दिया गया है। सिरप, स्टॉक से जुड़े दस्तावेजों की जानकारी ली गई।

कांग्रेस का हमला, अपने बेटे के लिए धरना देने वाले मंत्री अब तक नहीं पहुंचे

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र सिंह ने स्वास्थ्य राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल को आड़े हाथों लिया। कहा, जब मंत्री के बेटे को हबीबगंज पुलिस ने पकड़ा तो मंत्री थाने पहुंचे। धरने पर बैठ गए थे। विधानसभा सत्र के दौरान एक सवाल के जवाब में खुद को पुलिस से पीड़ित बताते हुए उनका गला रूंध गया था। अब उनके विभाग की नाकामी के चलते बच्चों की मौत हुई तो वे परिजन से मिलने तक नहीं पहुंचे, जबकि बैतूल उनके प्रभार का जिला है।

दवा निर्माताओं की पहचान के निर्देश

नई दिल्ली. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्या सलिला श्रीवास्तव ने रविवार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य अफसरों के साथ खांसी की दवाओं की गुणवत्ता और तर्क संगत उपयोग पर बैठक की। कहा, सुनिश्चित किया जाए कि सभी दवा निर्माता संशोधित शेड्यूल-एम का सख्ती से पालन करें। पालन नहीं करने वाले दवा निर्माताओं की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए। बैठक में राज्यों को विशेष रूप से बच्चों में खांसी की दवाओं के विवेकपूर्ण उपयोग पर ध्यान देने को कहा गया। सचिव ने कहा कि खांसी के अधिकांश मामले स्वत: ठीक होने वाले होते हैं। दवा की जरूरत नहीं होती।

परासिया में कराया था इलाज

बैतूल/आमला. आमला के कलमेश्वरा में कैलाश यादव के बेटे कबीर (4) और ग्राम जामुन बिछुआ निवासी निखिलेश धुर्वे के ढाई वर्षीय बेटे गर्भित की मौत का मामला सामने आया है। कैलाश के अनुसार कबीर को 24 अगस्त को परासिया के डॉक्टर सोनी को दिखाया था। उन्होंने कोल्ड्रिफ लिखी थी। 30 को दोबारा गए तो दूसरे डॉक्टर के पास को कहा। नागपुर में डॉक्टरों ने किडनी खराब होने की आशंका जताई थी। 7 सितंबर को बैतूल में निजी अस्पताल में दिखाया। डॉक्टर के कहने पर हमीदिया भोपाल में भर्ती किया था। 8 की सुबह कबीर की मौत गई। निखिलेश के अनुसार गर्भित को 18 सितंबर को डॉ. सोनी को दिखाया था। एक को मौत हो गई।