
अपराधियों के निशाने पर बुजुर्ग (Photo Source- Patrika)
MP News :मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की सड़कों पर चैन स्नैचिंग और लूट की वारदातें सामने आना तो आम सी बात हो गई है, लेकिन इन मामलों में अब बुजुर्गों को सबसे अधिक निशाना बनाया जाने लगा है। इनके साथ लूट और चोरी जैसी वारदातें की जा रही हैं। शहर के गौतम नगर थाना क्षेत्र में एक बुजुर्ग के घर में अकेले होने का फायदा उठाकर दो नकाबपोशों ने लूट की कोशिश की। दिनदहाड़े जिस इलाके में वारदात से लोगों में भय का माहौल है। लूट की वारदातें शहर में पहले भी हुई जहां पर गिरतार हुए आरोपी शहर के पुराने बदमाश निकले।
ऐसे में इन बदमाशों पर लगाम लगाने में पुलिस की नाकामयाबी भी साफ उजागर हुई है। ये भी तथ्य है कि, पुलिस के लिए घरों में होने वाले अपराधों की निगरानी करना नामुमकिन है। ऐसे में बुजुर्गों और लोगों को भी अपराधों से बचाने के लिए सावधान रहना बहुत जरूरी है।
केस नंबर-1 : महिला ने बुजुर्ग से लाखों रुपए ऐंठे
निशातपुरा थाने में एक मामला सामने आया जहां एक महिला ने बुजुर्ग को फंसा कर शादी की और फिर उनसे लाखों रुपए ऐंठ लिए। जब बुजुर्ग के पास पैसे खत्म हो गए तो उन्हें अपने घर से निकाल दिया।
केस नंबर-2 : पूर्व डीजीपी को नौकरी ने पीटा
हबीबगंज थाना क्षेत्र में 99 साल के पूर्व डीजीपी के साथ उनके नौकर ने मारपीट की थी। आरोपी ने उनसे पैसों की मांग की हालांकि मौके पर अन्य लोगों के आने के बाद नौकर भाग गया।
केस नंबर-3 : पड़ोसी ने खाते से निकाले 41 लाख
65 साल के बुजुर्ग को पड़ोसी ने विश्वास में लेकर चेक बुक जारी खाते से 41 लाख रुपए निकाल लिए। हालांकि, आरोपी गिरतार हो गया।
इस संबंध में भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा का कहना है कि, बुजुर्गों की सुरक्षा पुलिस की प्राथमिकता में है। ये निर्देश दिए गए हैं कि, बुजुर्गों की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई की जाए। बुजुर्गों को कोई समस्या आती है तो पुलिस तत्काल उनके घर जाती है। इसके अलावा, पुलिस की अपील है कि, अंजान लोगों से सावधान रहें और किसी भी संदिग्ध स्थिति में तुरंत पुलिस को सूचना दें।
-घर में सीसीटीवी लगवाएं। खासकर मेन गेट और गैलरी में।
-अनजान व्यक्तियों को घर में न बुलाएं। कोई विक्रेता है तो पहले पहचान करें।
-किसी पर संदेह होने पर तुरंत पुलिस को सूचना दें।
-बैंक के काम में भरोसेमंद व्यक्ति को शामिल करें। अकेले बड़ी रकम ट्रांजेक्शन न करें।
-अकेलापन न बढ़ने दें। नियमित रूप से मित्रों, परिवार या विश्वसनीय पड़ोसियों से बात करते रहें।
-मानसिक शोषण होने पर परिवार या हेल्पलाइन को बताएं।
Published on:
22 Jun 2025 04:19 pm
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