भिंड कलेक्टर के इस आदेश के बाद से सरकारी कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। सबसे बड़ी दुविधा उन कर्मचारियों के समक्ष खड़ी हो गई है, जो कि असल में बिमारी झेल रहे हैं। और सवाल भी यही खड़ा हो रहा है कि आखिर कलेक्टर महोदय ये कैसे तय करेंगे की कौन सही बिमार है और कौन गलत। क्योंकि ऐसे आदेश से तो सचमुच बिमार पड़े कर्मचारियों के समझ तो बड़ी दिक्कत खड़ी हो जाएगी।
रीवा कलेक्टर ने भी जारी किया था ऐसा ही आदेश
बता दें रीवा कलेक्टर ने ही सबसे पहले ऐसा अजीबोगरीब आदेश जारी किया था। जिसमें उन्होंने अस्वस्थ्य चल रहे कर्मचारियों को चेताया था कि उन्हें जबरन रिटायर कर दिया जाएगा। रीवा कलेक्टर ने ये आदेश 27 मई को जारी किया था। कलेक्टर ने आदेश में लिखा था कि ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के विरूद्ध शासन के नियमों के अंतर्गत 20 वर्ष की सेवा एवं 50 वर्ष की आयु के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की कार्रवाई की जाएगी।