विभाग ने मई के अंतिम सप्ताह में ऑनलाइन ई-प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने से पहले सभी 1313 कॉलेजों को अपना डाटा यानी पाठ्यक्रम, वेबसाइट, अधिकृत ई-मेल और संपर्क फोन नंबर जैसा समस्त जानकारी अपडेट करने के लिए विभागीय पोर्टल खोला। पहली बार इसे 1 से 15 मई तक खोला गया। इस दरमियान जिन कॉलेजों ने अपडेशन नहीं किया, उन्हें 19 से 20 मई के लिए फिर मौका दिया गया। इसके बाद भी 156 संस्थानों ने प्रक्रिया पूरी नहीं की। इन्हें शोकॉज देने के साथ ही विभाग के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक और संबंधित विवि के कुलसचिव को जांच के लिए कहा गया है।
कोरोना काल के दो वर्षों के दौरान उच्च शिक्षा विभाग का शेड्यूल बुरी तरह प्रभावित रहा। जैसे ही कोविड संक्रमण से निजात मिली तो विभाग ने तय किया कि आगामी सत्र 2022-23 में ई-प्रवेश, पढ़ाई और परिणाम सब समय पर करवाए जाएंगे। इसके लिए विभाग ने अप्रेल से ही सरकारी, अनुदान प्राप्त और निजी कॉलेजों को आदेश-निर्देश जारी करने शुरू कर दिए थे। 529 सरकारी और 63 अनुदान प्राप्त कॉलेजों ने तो शब्दश: पालन किया लेकिन 738 में से 156 कॉलेजों के प्रबंधन ने लापरवाही बरती।
इन 156 कॉलेजों के प्रकरण में यह प्रतीत होता है कि जानबूझकर लापरवाही बरती है। इस तरह की अनुशासनहीनता क्षम्य नहीं है, अत: शोकॉज के साथ दो स्तरीय जांच करवाई जा रही है। आयुक्त उच्च शिक्षा के द्वारा क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालकों और विवि के कुलसचिवों से अलग-अलग जांच करवाई जा रही है, रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। मान्यता खत्म करने या फिर एक सत्र शून्य करने जैसी कार्रवाई भी संभव है।
– डॉ. धीरेंद्र शुक्ला, ओएसडी, अकादमिक, आयुक्त कार्यालय