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प्रदेश के 156 प्राइवेट कॉलेज हैं लापरवाह, उच्च शिक्षा विभाग ने ई-प्रवेश के लिए दो बार पोर्टल खोला फिर भी प्रक्रिया नहीं की पूरी

locationभोपालPublished: Jun 06, 2022 11:50:54 pm

Submitted by:

shyam singh tomar

एक्सक्लूसिव- उच्च शिक्षा विभाग ने अब थमाया नोटिस, विभाग के अधिकारी और संबंधित विश्वविद्यालय के कुलसचिव जांच करेंगे जांच- दो स्तर से आने वाली रिपोर्ट के आधार पर विभाग मान्यता खत्म करने या फिर सत्र शून्य करने की कार्रवाई कर सकता है

प्रदेश के 156 प्राइवेट कॉलेज हैं लापरवाह, उच्च शिक्षा विभाग ने ई-प्रवेश के लिए दो बार पोर्टल खोला फिर भी प्रक्रिया नहीं की पूरी

प्रदेश के 156 प्राइवेट कॉलेज हैं लापरवाह, उच्च शिक्षा विभाग ने ई-प्रवेश के लिए दो बार पोर्टल खोला फिर भी प्रक्रिया नहीं की पूरी

भोपाल. उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के लापरवाह 156 प्राइवेट कॉलेजों को नोटिस थमाया है। इन कॉलेजों ने नए सत्र की ई-प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से पूर्व उच्च शिक्षा पोर्टल पर अपनी जानकारी ही अपडेट नहीं की जबकि इसके लिए दो बार मौका दिया गया। इस अनुशासनहीनता के लिए उच्च शिक्षा आयुक्त दीपक सिंह ने इनके प्राचार्य और प्रबंधन को नोटिस थमाया है तो द्विस्तरीय जांच भी बैठा दी है। रिपोर्ट के आधार पर मान्यता पर संकट या सत्र शून्य करने जैसे कदम भी उठाए जा सकते हैं।
विभाग के ओएसडी और विवि कुलसचिव अलग-अलग करेंगे जांच
विभाग ने मई के अंतिम सप्ताह में ऑनलाइन ई-प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने से पहले सभी 1313 कॉलेजों को अपना डाटा यानी पाठ्यक्रम, वेबसाइट, अधिकृत ई-मेल और संपर्क फोन नंबर जैसा समस्त जानकारी अपडेट करने के लिए विभागीय पोर्टल खोला। पहली बार इसे 1 से 15 मई तक खोला गया। इस दरमियान जिन कॉलेजों ने अपडेशन नहीं किया, उन्हें 19 से 20 मई के लिए फिर मौका दिया गया। इसके बाद भी 156 संस्थानों ने प्रक्रिया पूरी नहीं की। इन्हें शोकॉज देने के साथ ही विभाग के क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक और संबंधित विवि के कुलसचिव को जांच के लिए कहा गया है।
कोविड काल में दो साल से गड़बड़ है शेड्यूल
कोरोना काल के दो वर्षों के दौरान उच्च शिक्षा विभाग का शेड्यूल बुरी तरह प्रभावित रहा। जैसे ही कोविड संक्रमण से निजात मिली तो विभाग ने तय किया कि आगामी सत्र 2022-23 में ई-प्रवेश, पढ़ाई और परिणाम सब समय पर करवाए जाएंगे। इसके लिए विभाग ने अप्रेल से ही सरकारी, अनुदान प्राप्त और निजी कॉलेजों को आदेश-निर्देश जारी करने शुरू कर दिए थे। 529 सरकारी और 63 अनुदान प्राप्त कॉलेजों ने तो शब्दश: पालन किया लेकिन 738 में से 156 कॉलेजों के प्रबंधन ने लापरवाही बरती।
रिपोर्ट के आधार पर कड़ी कार्रवाई संभव
इन 156 कॉलेजों के प्रकरण में यह प्रतीत होता है कि जानबूझकर लापरवाही बरती है। इस तरह की अनुशासनहीनता क्षम्य नहीं है, अत: शोकॉज के साथ दो स्तरीय जांच करवाई जा रही है। आयुक्त उच्च शिक्षा के द्वारा क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालकों और विवि के कुलसचिवों से अलग-अलग जांच करवाई जा रही है, रिपोर्ट के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। मान्यता खत्म करने या फिर एक सत्र शून्य करने जैसी कार्रवाई भी संभव है।
– डॉ. धीरेंद्र शुक्ला, ओएसडी, अकादमिक, आयुक्त कार्यालय
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