
Hundreds of cases of other variants of Corona increased In MP Covid 19
भोपाल. कोरोना वायरस के दूसरे वेरिएंट के मामले बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश में वेरिएंट ऑफ कंसर्न के सैंकड़ों मामले सामने आ चुके हैं। इसके बावजूद विभाग में लापरवाही कम नहीं हो रही। जानकारी के अनुसार वेरिएंट ऑफ कंसर्न के 777 मामले आ चुके हैं. इनमें से 443 मामलों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग तक नहीं की जा सकी। यानी इन लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों की खोजबीन नहीं की गई।
अब स्वास्थ आयुक्त ने इस लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की है.इन मरीजों की जल्द से जल्द कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने के निर्देश भी दिए हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य आयुक्त ने सभी सीएमएचओ को पत्र लिखा है। गौरतलब है कि दूसरी लहर के दौरान वायरस में बड़े पैमाने पर म्यूटेशन मिला है। नए वेरिएंट का पता लगाने के लिए सैंपल को नई दिल्ली लैब भेजे जाते हैं।
स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी ने सभी जिलों के सीएमएचओ को भेजे आदेश में कहा है कि संभावित तीसरी लहर को रोकने के लिए वेरिएंट ऑफ कंसर्न के मामलों की सटीक जानकारी जरूरी है। इसके लिए मरीज के कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और आरटी-पीसीआर सैंपलिंग जरूरी है। आदेश के अनुसार जीनोम सिक्वेंसिंग में डेल्टा, अल्फा और डेल्टा प्लस के मामलों की कॉन्ट्रेक्ट ट्रेसिंग, आरटीपीसीआर सैंपलिंग कराकर जानकारी दर्ज करने को कहा गया है।
मप्र में मिले वेरिएंट ऑफ कंसर्न के 777 मामलों में से 334 के फर्स्ट कॉन्टेक्ट की ट्रेसिंग और आरटीपीसीआर सैंपलिंग पेंडिंग है। इंदौर में 96, भोपाल में 41, ग्वालियर में 72, रतलाम में 19, खंडवा में 4, उज्जैन में 5, रायसेन में 18, सागर, निवाड़ी में 14-14, छिंदवाड़ा में 11, रीवा में 6, जबलपुर में 5, खरगोन, शहडोल, राजगढ़ में 4-4, अशोकनगर, गुना, देवास में 3-3, सीधी, शाजापुर में 2-2 मरीज की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग अभी तक नहीं हो पाई है।
इस संबंध में सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि वेरिएंट ऑफ कंसर्न के मामलों की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग लगातार हो रही है। हर मरीज के 15 संपर्क को तलाशा जाता है, इसमें कई बार समय लगता है। हालांकि उन्होंने यह बात भी कही कि हो सकता है कुछ बच गए हों. सीएमएचओ डॉ. प्रभाकर तिवारी ने ऐसे मरीजों की भी जांच पूरी करने की बात कही है.
Published on:
11 Sept 2021 04:53 pm
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