Kamal Nath Nakul Nath supporter Congress District President will be removed from Chhindwara - लोकसभा चुनाव में अपने पुत्र नकुलनाथ की हार के बाद एमपी कांग्रेस के सबसे बड़े नेता कमलनाथ के राजनैतिक रूप से नेपथ्य में जाने की आशंका बलवती होती जा रही है। 2014 और 2019 की प्रचंड मोदी लहर में भी कमलनाथ ने छिंदवाड़ा को कांग्रेस के हाथ से जाने नहीं दिया था लेकिन इस चुनाव में यह दुर्ग ढह गया। बीजेपी के विवेक बंटी साहू ने नकुलनाथ को एक लाख से ज्यादा वोटों से हरा दिया। इस करारी हार के सबसे ज्यादा दुष्परिणाम नाथ परिवार को भोगने पड़ रहे हैं।
करारी हार के बाद एमपी कांग्रेस छिंदवाड़ा में पार्टी की कमान बदल रही है। छिंदवाड़ा कांग्रेस जिला अध्यक्ष के साथ ही
ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्षों को भी हटाया जा रहा है। लोकसभा सीट में शामिल सभी सातों विधानसभा सीटों पर कांग्रेस में व्यापक फेरबदल किया जा रहा है।
छिंदवाड़ा में करीब 45 साल से कांग्रेस का पूरा ताना बाना कमलनाथ के इर्द-गिर्द ही रहा था लेकिन अब उनके अधिकांश समर्थकों का हटाया जाना तय है। कांग्रेस के जिला अध्यक्ष से लेकर अन्य पदाधिकारियों को भी परिवर्तित किया जा रहा है। हालांकि छिंदवाड़ा में कमलनाथ को किनारे करना बेहद कठिन है, ऐसे में फिलहाल नए पदाधिकारियों के लिए उनसे न केवल नाम मांगे गए हैं बल्कि नियुक्तियों के पहले उनकी मंजूरी भी ली जाएगी।
छिंदवाड़ा कांग्रेस जिला अध्यक्ष विश्वनाथ ओकटे ने लोकसभा में हार के तुरंत बाद ही इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। अब नए जिला अध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया चालू कर दी गई है। इसके लिए बाकायदा एक पैनल बनाया गया है। पैनल में मनीष पांडे और सुनील उइके का नाम है। सुनील उइके जुन्नारदेव के विधायक हैं। सूत्रों के अनुसार इन दोनों में से ही छिंदवाड़ा का नया जिलाध्यक्ष बनाया जाना तय है।
एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ का कांग्रेस में जबर्दस्त दबदबा रहा है पर लगातार दो हार के बाद उनके सामने अनेक चुनौतियां खड़ी हो चुकी हैं। 2023 के विधानसभा चुनावों में प्रदेश भर में कांग्रेस की करारी हार के बाद जहां कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष का पद गंवाना पड़ा था वहीं लोकसभा चुनाव में अपने पुत्र को भी नहीं जिता पाने के बाद उनके राजनैतिक अस्तित्व पर ही सवाल खड़े हो गए हैं।
Published on:
15 Jun 2024 04:52 pm