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मातृ वंदना में मध्यप्रदेश अव्वल

locationभोपालPublished: May 09, 2021 05:13:06 pm

Submitted by:

Arun Tiwari

कोविड में 9 लाख महिलाएं अस्पताल में बनीं मां
मदर्स डे पर विशेष

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कोरोना संकट के बीच मुख्यमंत्री ने दमोह का चुनावी दौरा रद्द किया।

भोपाल : दुनिया में मां का रिश्ता सबसे बड़ा और अहम माना जाता है। बेइंतहां पीड़ा के बाद भी महिला को मां बनने का अहसास सबसे सुखद लगता है। मातृ वंदना करने में मध्यप्रदेश पूरे देश में अव्वल आया है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में प्रदेश का प्रदर्शन पूरे देश में सबसे बेहतर रहा है। हाल के कुछ सालों में प्रदेश की मातृ स्वास्थ्य सेवाओं में बहुत सुधार हुआ है। कोविड काल में भी महिलाओं को अस्पतालों में सुरक्षित प्रसव करवाया गया है। 2020 में करीब 9 लाख महिलाओं ने सरकारी अस्पतालों में अपने बच्चों को जन्म दिया। प्रदेश में पिछले पांच सालों में मातृ मृत्युदर में भी 15 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है। मदर्स डे पर मातृ स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष रिपोर्ट।

कोविड काल में मां को मिला अस्पताल :
कोरोना की महामारी को नियंत्रित करने में लगे अस्पताल और स्वास्थ्य सेवाओं के बाद भी उन महिलाओं को नजरअंदाज नहीं किया गया जो मां बनने वाली थीं। कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए गर्भवती महिलाओं को डिलेवरी प्वाइंट पर सुरक्षित प्रसव कराया गया। अप्रैल से दिसंबर 2020 तक 8 लाख 82 हजार महिलाओं ने सरकारी अस्पतालों में अपने बच्चे को जन्म देकर मां का दर्जा हासिल किया। इसमें 64 हजार महिलाओं का प्रसव सिजेरियन ऑपरेशन से किया गया। जमीनी स्तर की कार्यकर्ता एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं ने कोविड सर्वे के साथ-साथ उन महिलाओं की प्रसव पूरी जांच की जो अपनी कोख में बच्चे को पाल रहीं थीं। गर्भवती महिलाओं की जानकारी रखने के लिए एमपी अनमोल एप बनाया गया है। अप्रैल से दिसंबर 2020 तक इस एप में 12 लाख 76 हजार गर्भवती महिलाओं को पंजीकृत किया गया है।

माताओं की मौत में 15 अंकों की गिरावट :
प्रदेश में मातृ मृत्युदर को कम करना प्रमुख एजेंडे में शामिल किया गया है। पिछले सालों की कोशिशों का असर भी अब नजर आया है। साल 2001-2003 में प्रदेश में मातृ मृत्युदर प्रति लाख पर 379 जीवित जन्म थी। ये दर 2015-2017 तक 188 प्रति लाख जीवित जन्म पर पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग के 2020 के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश मां बनते समय महिलाओं की मौत 173 प्रति लाख पर पहुंच गई है। यानी मातृ मृत्युदर में 15 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है।

मातृ वंदना में आगे रहे आदिवासी जिले :
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में मध्यप्रदेश को वर्ष 2020-21 में योजना क्रियान्वयन में राष्ट्रीय स्तर प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। मध्यप्रदेश ने योजना में 152 फीसदी उपलब्धि हासिल की है। प्रदेश में योजना की शुरुआत से वर्तमान तक 22 लाख 2 हजार 258 माताओं को 942 करोड़ का मातृत्व लाभ दिया गया है। इसमें आगर-मालवा, छिंदवाड़ा, शहडोल, सीहोर और अलीराजपुर जिलों में सबसे बेहतर काम हुआ है। प्रदेश को पिछले साल भी देश में पहला स्थान मिला था। मातृ वंदना के तहत प्रति महिला पांच हजार रुपए दिए जाते हैं।

मातृ वंदना को इतनी मिली केंद्रीय राशि :
मातृ वंदना योजना के लिए 60 फीसदी राशि केंद्र सरकार और 40 फीसदी राशि प्रदेश सरकार देती है। साल 2020-21 में अप्रैल से दिसंबर 2020 तक केंद्र सरकार ने 896.85 लाख रुपए का फंड मंजूर किया और पूरी राशि जारी भी कर दी। केंद्र सरकार ने देशभर में इस योजना पर 67 हजार 291 रुपए खर्च किए।
कोरोना में अनाथ बच्चों की मां बनी सरकार :
मदर्स डे पर प्रदेश सरकार उन बच्चों की मां बनी है जिन्होंने कोरोना महामारी में अपने माता-पिता को खो दिया है। कोरोना से अनाथ हुए बच्चों की देखभाल और भरण-पोषण सरकार करेगी। इसके लिए महिला-बाल विकास विभाग ने स्पॉन्सरशिप योजना शुरू की है। सरकार ऐसे बच्चे, जिनके माता-पिता का निधन कोरोना के कारण हो गया है या जिनके माता-पिता इस बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती हैं, उनके भरण-पोषण की जिम्मेदारी उठाएगी। सबसे पहले ग्वालियर जिले में इसके तहत फिट फेसिलिटी केंद्र की शुरुआत की जा रही है। इस योजना में स्वयंसेवी संस्था, सामाजिक कार्यकर्ता और अन्य समाजसेवी संगठनों को जोडकऱ बच्चों को सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

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