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24 साल पहले 700 रु. लेकर मुंबई पहुंचे थे मनोज शुक्ला, आज कमाई जानकर हो जाएंगे हैरान

पर क्या आप जानते हैं मनोज शुक्ला मुंतशिर भी एक साधारण व्यक्ति की तरह हजारों सपने संजोय, उम्मीदों के सहारे सिर्फ 700 रु. लेकर मुंबई पहुंचे थे और आज वो जिस मुकाम पर हैं वे उन्हें आसानी से नहीं मिला... आज हम आपको बता रहे हैं उनकी पहली कमाई और बॉलीवुड में एंट्री को लेकर ऐसे इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स जिन्हें नहीं जानते होंगे आप...

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भोपाल। कुछ समय पहले मप्र के भोपाल पहुंचे मनोज शुक्ला आज सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं। आपको बता दें कि जब वे भोपाल आए थे तो सबसे पहले उन्होंने भोपाल का नाम बदलने की ख्वाहिश जताई थी। उनका कहना था कि भोपाल का नाम बदलकर भोजपाल होना चाहिए। इसके बाद से वे देश भर का विरोध झेलते नजर आए। लेकिन इसका कारण भोपाल का नाम बदलने की ख्वाहिश नहीं बल्कि उनके लिखे फिल्म आदिपुरुष के डायलॉग्स थे, जिनके कारण उन्हें लोगों का भारी विरोध झेलना पड़ा। आज उन्होंने देशभर के लोगों से माफी मांगी है और वे इसीलिए ट्रेंड कर रहे हैं। पर क्या आप जानते हैं मनोज शुक्ला मुंतशिर भी एक साधारण व्यक्ति की तरह हजारों सपने संजोय, उम्मीदों के सहारे सिर्फ 700 रु. लेकर मुंबई पहुंचे थे और आज वो जिस मुकाम पर हैं वे उन्हें आसानी से नहीं मिला... आज हम आपको बता रहे हैं उनकी पहली कमाई और बॉलीवुड में एंट्री को लेकर ऐसे इंट्रेस्टिंग फैक्ट्स जिन्हें नहीं जानते होंगे आप...

1. 'आदिपुरुष' फिल्म के डायलॉग लिखकर विवादों में आए मनोज शुक्ला का जन्म 27 फरवरी, 1976 को उत्तर प्रदेश के अमेठी जिला के गौरीगंज में हुआ था।

2. उन्होंने साल 1994 में अमेठी के एचएएल स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से साइंस में बैचलर्स डिग्री हासिल की।

3. मनोज शुक्ला एक ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता किसान और मां एक टीचर थीं। वे अपमे माता-पिता की इकलौती संतान हैं।

4. उनकी पत्नी नीलम मुंतशिर एक लेखिका हैं। इनका एक बेटा है, जिसका नाम आरू है।

5. मनोज को अपने स्कूल के दिनों से ही कविताएं लिखने का शौका था। उनके दोस्त उन्हें मुशायरा ले जाते थे, जहां वह अपनी कविता सुनाते थे।

6. ग्रेजुएशन खत्म कर साल 1999 में वे काम की तलाश में मुंबई की ओर चल पड़े। आपको जानकर हैरानी होगी कि जब वे मुंबई गए थे, उस समय उनके पास सिर्फ 700 रुपए थे।

7. मुंबई में वे भजन सम्राट अनूप जलोटा से मिले। उन्होंने मनोज को एक भजन लिखने को कहा।

8. मनोज शुक्ला ने इसके पहले कभी भजन नहीं लिखा था, लेकिन पैसों के लिए उन्होंने भजन लिखा।

9. तब मनोज शुक्ला को भजन लिखने के लिए अनूप जलोटा ने 3000 रु. का चेक दिया था। यही उनकी पहली कमाई थी।

10. मनोज शुक्ला ने 2004 में उन्हें फिल्म रंग रसिया के गाने लिखने का मौका मिला।

11. इसके बाद उन्होंने कभी पीछे नहीं देखा। किन्हीं वजहों से यह फिल्म दस साल बाद 2014 में रिलीज की गई।

12.. सुपरस्टार अमिताभ बच्चन की वजह से उनकी टीवी इंडस्ट्री में एंट्री हुई। बिग बी ने उन्हें 'कौन बनेगा करोड़पति' के डायलॉग लिखने के लिए दिए।

13. मनोज ने अन्य रिएलिटी शोज जैसे 'इंडियाज गॉट टैलेंट', 'झलक दिखला जा', 'इंडियन आइडल जूनियर' की भी स्क्रिप्ट लिखी हैं।

14. उन्होंने साल 2005 की फिल्म यू बोमसी एन मी के गाने लिख बतौर गीतकार अपने करियर की एक नई शुरुआत की थी। इस फिल्म में उन्होंने चार गाने लिखे थे।

15. उन्होंने 2014 में श्रेया घोषाल के पहले गजल एल्बम 'हमनशीं' के कुछ गाने लिखे, जो चार्टबस्टर बन गए थे।

ये भी जानें

- मनोज का घर का नाम मन्नू है।

- मनोज के पिता ने सारा जीवन गरीबी में बिताया, कभी-कभी तो उन्हें खाना खाने तक के लिए मुश्किल आन पड़ती थी।

- उनके पिता के पास एक स्कूटर था कभी-कभी मनोज उसे चलाने के लिए जिद करते थे, लेकिन हर बार उनके पापा स्कूटर की कीमत याद दिलाकर उन्हें मना कर देते थे।

- एक दिन मनोज ने गुस्से में पिता से कहा था कि आप मुझे स्कूटर नहीं चलाने देते एक दिन मैंने अगर कार नहीं चलाई तो मेरा नाम भी मनोज नहीं।

- अपनी मां से मिलने वाली 5 रुपए की पॉकेट मनी को मनोज गरीबों में बांट देते थे।

- 21 साल की उम्र में मनोज शुक्ला ने एक रेडियो प्रोग्राम में मुंतशिर शब्द सुना और वे इससे इतना प्रभावित हुए कि इन्होंने अपना नाम मुंतशिर रख लिया।वे अपने सरनेम में मनोज मुंतशिर लिखने लगे।

- तब इनके पिता को लगा कि मनोज ने धर्म परिवर्तन किया है। लेकिन मनोज ने उन्हें समझाया कि धर्म परिवर्तन नहीं किया, बस ये नाम सुनने में अच्छा लगता है। इनके पिता उनकी बातों को समझे तो नहीं, लेकिन फिर भी उन्होंने इसके लिए उन्हें ये जरूर कहा कि अब मैं तुम्हारे लिए क्या कर सकता हूं।

- मनोज बताते हैं कि उनके पिता ने उन्हें 350 रुपए टिकट के दिए ताकि वे लखनऊ से मुंबई जा सकें और अपने सपनों को पूरा कर सकें। इसके साथ ही उन्होंने उन्हें 700 रुपए देते हुए कहा था कि बेटा जल्दी वापस आना।

- मुंबई पहुंचकर मनोज को कई बार भूखा तो कई बार भिखारियों के साथ सड़क पर सोना पड़ा। उन्होंने कई रातें फुटपाथ पर सोकर गुजारीं।

- लेकिन मनोज शुक्ला अपने पिता की बताई एक बात हमेशा याद करते थे कि यदि बीज बो दिया, तो एक दिन तय है कि पौधा जरूर बढ़ेगा। पिता की इस बात ने उन्हें हिम्मत नहीं हारने दी।

- टीवी स्क्रीन पर अपना शानदार जलवा बिखेरते हुए ही एक दिन उन्होंने टीवी छोड़कर बड़े पर्दे के सपने देखने शुरू कर दिए।

- एक दिन वह भी आया जब उन्हें एक विलेन मूवी के सॉन्ग लिखे।

- उनका गलियां सॉग बेहद पसंद किया गया।

- इसके बाद तेरी मिट्टी में मिल जावां, कौन तुझे यूं, सानु एक पल, तेरा हुआ, कौन है वो, वजह तुम हो, देखा हजारों दफा, मेरे रश्के कमर जैसे कई खूबसूरत सॉन्ग लिखे और फिर कई सुपरहिट मूवीज के डायलॉग्स भी उनकी कलम से ही निकले।

- मनोज मुंतशिर शुक्ला को 2015 में बेस्ट लिरिक्स अवॉर्ड से 5 बार नवाजा जा चुका है। उन्हें 2 बार 2016 में और 2018 में 2 बार यह पुरस्कार मिला है।

- आज मनोज शुक्ला एक दो नहीं बल्कि, दर्जन भर विकल्स खरीद चुके हैं। वे इन्हें अपने पिता को दे देते हैं।

- उनकी कलम में अक्सर उनकी मां के प्रति उनका प्यार झलकता दिखता है।