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मध्यप्रदेश में ओबीसी की पांच नई जातियां केंद्रीय सूची में शामिल हो सकती हैं। इसके लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की कवायद शुरु हो गई है। आयोग ने भोपाल में शुक्रवार को मध्यप्रदेश राज्य की पिछड़ा वर्ग सूची में शामिल पांच जातियों को केंद्रीय सूची में शामिल करने के लिए जनसुनवाई की। यहां कुछ जातियों को लेकर विवाद भी सामने आए।
एमपी में कलार (जायसवाल), कुड़मी, दमामी, फूलमाली (फूलमारी) एवं लोढ़ा (तंवर) जातियों को केंद्रीय सूची में शामिल किया जा सकता है। इसके लिए राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोगी की बैठक में सभी जातियों के जनप्रतिनिधियों ने शिरकत की। अध्यक्षता राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज गंगाराम अहीर ने की।
राज्य मंत्री कृष्णा गौर, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के सलाहकार राजेश यादव, आयोग के सदस्य भुवन भूषण कमल और भारत सरकार के राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अवर सचिव योगेश ढींगरा भी इस बैठक में शामिल हुए।
बैठक में अहीर ने विभाग से त्रुटियों में सुधार करने को लेकर निर्देशित किया है। एक माह में रिव्यू की बात कही। मंत्री गौर ने कहा कि सर्वे रिपोर्ट की कमियों को जल्द पूरा कर रिपोर्ट आयोग को भेजी जाएगी।
तंवर पक्ष ने लगाए आरोप:
जनसुनवाई में दो गुट आमने-सामने आ गए। तंवर पक्ष ने लोढ़ा (तंवर) पक्ष के सदस्य पर सामान्य जाति का प्रमाण-पत्र लेकर सरकारी नौकरी करने का आरोप लगाया। कहना था कि तंवर ने राजपूत प्रमाण पत्र से सरकारी नौकरी की। बाद में अपने बच्चों का एसटी प्रमाण पत्र का लाभ दिलवाने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे लोगों की वजह से तंवर समाज अनुसूचित जाति से हटाया गया है।
Updated on:
18 Jan 2025 10:51 am
Published on:
18 Jan 2025 10:50 am
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