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भारत जोड़ो यात्रा पर मोबाइल लाइब्रेरी तैयार, राहुल गांधी आज करेंगे उद्घाटन

locationभोपालPublished: Nov 24, 2022 01:45:49 pm

Submitted by:

Sanjana Kumar

आपको बता दें कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की मोबाइल लाइब्रेरी का श्रेय जाता है एमपी के हरदा में रहने वाली अवनि बसंल को। पेशे से सुप्रीम कोर्ट की वकील अवनि ने अपनी टीम के साथ मिलकर इसकी शुरुआत की है।

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भोपाल। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों एमपी के शहरों से गुजर रही है। अपनी शुरुआत से अब एमपी तक पहुंचने का यह सफर राहुल गांधी की इस यात्रा को करीब दो हजार किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा है। मध्य प्रदेश में इस यात्रा की एंट्री बुरहानपुर के गांव बोरगांव बुजुर्ग से हुई है। कन्याकुमारी से शुरू की गई इस यात्रा में राहुल गांधी के साथ हजारों लोग शामिल हुए हैं। इन्हीं में से एक एमपी की वकील भी हैं। जो राहुल की इस यात्रा में शुरू से उनके साथ चल रही हैं। आपको बता दें कि एमपी की इस यात्रा के लिए उन्होंने एक मोबाइल लाइब्रेरी बना दी है। जिसमें न केवल राहुल की भारत जोड़ो यात्रा बल्कि नेहरू और उनके परिवार से जुड़ी हर सटीक जानकारी का लाभ लिया जा सकेगा। उनकी इस लाइब्रेरी का आज गुरुवार को राहुल गांधी उद्घाटन भी करने वाले हैं।

आपको बता दें कि राहुल की भारत जोड़ो यात्रा की मोबाइल लाइब्रेरी बनाने वाली शख्स का नाम है अवनि बंसल। वे सुप्रीम कोर्ट की वकील हैं। अवनि और उनके साथियों ने मिलकर इस मोबाइल लाइब्रेरी का ताना-बाना बुना है।

 

मोबाइल लाइब्रेरी का उद्देश्य
अवनि और उनकी टीम के मुताबिक इस मोबाइल लाइब्रेरी को अस्तित्व में लाने का उद्देश्य है कि जैसे बीजेपी व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के जरिए फेक जानकारी लोगों तक पहुंचाकर उन्हें भ्रमित कर रही है, ऐसे में जरूरत है कि हम लोग और देश के नौजवान उन अफववाहों और झूठी बातों की वाकई जो सच्चाई है उसे समझें। किताबों को पढ़कर इतिहास की वास्तविकता को जांचें परखें। जब हम स्वामी विवेकानंद को पढ़ेंगे, तो जानेंगे कि जैसी उनकी विचारधारा थी कि वह कभी बीजेपी के साथ खड़े नहीं हो सकते थे। उसी प्रकार भगत सिंह और गांधी को लेकर अफवाह फैलाई जाती है कि गांधीजी भगत सिंह को मरवाना चाहते थे, जब लोग भगत सिंह की जेल डायरी पढ़ेंगे, तब जानेंगे कि उन्होंने पिताजी को लिखा था कि गांधी ही हमारे नेता हैं। वही हमें स्वतंत्रता की तरफ लेकर जाएंगे।

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कश्मीर तक 500 मोबाइल लाइब्रेरी का टारगेट
जानकारी के मुताबिक यह यात्रा जहां-जहां से गुजरेगी, वहां लोगों से अवनि और उनकी टीम निवेदन करेंगे कि आप किताब दान करें। अवनि और उनकी टीम ने अभी लोगों की ओर से दान में मिली किताबों को भारत जोड़ो यात्रा के कंटेनर में रखकर एक मोबाइल लाइब्रेरी तैयार की है। इसे भारत जोड़ो मोबाइल लाइब्रेरी का नाम दिया है। अब तक करीब 1000 किताबों के साथ इस लाइब्रेरी की शुरुआत की गई है। इनमें भारतीय दर्शन, राजनीति, धर्म, संस्कृति, भारत के विभिन्न समाजों और संविधान में दी गई लगभग हर जानकारी से संबंधित किताबें रखी गई हैं।

यात्रा विश्राम के दौरान किताबें पढऩे की अपील
जब यात्रा दिन में सुबह 10:00 बजे से शाम 4:00 बजे के बीच विश्राम कर रही होती है, तब अवनि और उनकी टीम लोगों से मोबाइल लाइब्रेरी में आकर किताबें पढऩे का अनुरोध करते हैं। जो भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत से इससे जुड़े हैं या कहें की राहुल की भारत यात्रा में साथ हैं वे लाइब्रेरियन की भूमिका निभा रहे हैं। जो लोग यात्रा में लगातार साथ चल रहे हैं, वह लाइब्रेरी में बैठकर किताबें पढ़ सकते हैं। जहां-जहां यात्रा पहुंच रही है। वहां के यानि स्थानीय लोग भी लाइब्रेरी में आकर किताबें दान कर सकते हैं। यहां रखी किताबें पढ़ सकते हैं।

कांग्रेस मुख्यालय में स्थाई पुस्तकालय का प्रयास
जानकारी के मुताबिक अवनि और उनकी टीम यात्रा खत्म होने के बाद कोशिश करेगी कि दिल्ली में कांग्रेस का जो नया ऑफिस है, वहां या दूसरी जगह यात्रा की स्थाई लाइब्रेरी बनाई जाए। जहां-जहां से यात्रा गुजर रही है, जो कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास रखते हैं। उनसे यह टीम अनुरोध कर रही है कि वह भारत जोड़ो लाइब्रेरी बनाएं। देशभर में करीब 500 से ज्यादा लाइब्रेरी बनाकर तैयार की जाएं।

यहां से की शुरुआत
जब भारत जोड़ो यात्रा मप्र और महाराष्ट्र बॉर्डर के जिले बुलढाणा में थे। वहां महाराष्ट्र के एक बुजुर्ग हर्षवर्धन टीम से मिले। जब टीम ने उन्हें लाइब्रेरी के बारे में बताया। वह सभी को लेकर मध्य प्रदेश-महाराष्ट्र बॉर्डर पर 40 टापरी नाम के गांव में पहुंचे। आदिवासी समुदाय की बहुलता वाले गांव में पहली भारत जोड़ो लाइब्रेरी बनाई गई। इस लाइब्रेरी के उद्घाटन के साथ ही अवनि और उनकी टीम ने भारतीय संविधान की प्रस्तावना पढ़ी। गांव वालों को संविधान की शपथ दिलाई। संविधान की प्रति की 25 किताबें उस गांव लाइब्रेरी में रखी गई हैं। आदिवासी समुदाय के लोग इस लाइब्रेरी का संचालन करेंगे।

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