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इस राज्य में मोनोपॉली खत्म, 120 रुपए सस्ती हुई शराब

सरकार के टेंडर में खुली प्रतिस्पर्धा के चलते सिंडिकेट बनाकर महंगी दरों पर शराब बेचने वाली 8 डिस्टलरी लगभग सीधे बाहर हो गई हैं।

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इस राज्य में मोनोपॉली खत्म, 120 रुपए सस्ती हुई शराब

भोपाल. मध्य प्रदेश में सालाना ढाई करोड़ पेटी देसी शराब बेचने वाली 11 डिस्टलरियों की मोनोपॉली को प्रदेश सरकार की ओर से खत्म कर दिया गया है। सरकार के टेंडर में खुली प्रतिस्पर्धा के चलते सिंडिकेट बनाकर महंगी दरों पर शराब बेचने वाली 8 डिस्टलरी लगभग सीधे बाहर हो गई हैं। इसके बाद से अब राज्य में सिर्फ तीन डिस्टलरी के ग्रुप 95 फीसदी देसी शराब मेन्युफेक्चरिंग होगी। हालांकि, इससे सरकार के साथ साथ उपभोक्ता को भी फायदा होगा। नए टेंडर के हिसाब से कीमतों में प्र्ति पेटी की दर में 120 रुपए तक की कमी आई है। सरकार का खरीदी रेट घटने और ठेकेदारों का रेट फिक्स होने के चलते मार्जिन वाली 350 करोड़ रुपए की रकम भी शासन के खाते में ही आएंगी।


इन डिस्टलरियों ने सबसे कम रेट डाले

प्रदेश में मोनोपॉली पैटर्न के चलते शराब के प्रति पेटी दाम महंगी दर पर सुनिश्चित किये जाते थे। इसमें 11 डिस्टलरी सिंडिकेट की तरह कीमत तय करती थी, जिसके चलते प्रति पेटी देसी शराब प्लेन 472 और मसाला 555 रुपए पहुंच चुकी थी। अब नए तरीके से खुली प्रतिस्पर्धा होने से तीन ग्रुप ने 377, 390 और 402 रुपए तक प्रति पेटी दाम भरे हैं।

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ये समूह हुए बाहर, अब सिर्फ ये देंगे सप्लाई

सबसे कम रेट केडिया समूह द्वारा दिया गया है। ऐसे में सरकार की ओर से उन्हें मध्य प्रदेश के 39 जिलों में देसी शराब की सप्लाई देने की स्वीकृति दी गई है। इसके साथ ही जेगपिन ब्रेवरीज को सात और एसोसिएटेड अल्कोहल को छह जिले मिले हैं। इसके चलते सोम डिस्टलरी, अग्रवाल डिस्टलरी, एलकोब्रो ग्वालियर, ओएसिस डिस्टलरी, विंध्याचल डिस्टलरी, डीसीआर डिस्टलरी, ग्वालियर डिस्टलरी और गुलशन पोल्योल्स लगभग बाहर हो गई है।

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