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एमपी में राजपूतों और करणी सेना का दबाव रंग लाया, सरकार ने पांच बड़े अधिकारियों को हटाया

Harda Case- मध्यप्रदेश में राजपूतों और करणी सेना का दबाव रंग लाया है। हरदा प्रकरण में राज्य सरकार ने पांच बड़े अधिकारियों को हटा दिया है।

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MP CM removed five top officials

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Harda Case- मध्यप्रदेश में राजपूतों और करणी सेना का दबाव रंग लाया है। हरदा प्रकरण में राज्य सरकार ने पांच बड़े अधिकारियों को हटा दिया है। मामले की जांच के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव ने सख्त एक्शन लेते हुए ये कार्रवाई की है। जिन अधिकारियों को हटाया गया है उनमें चार पुलिस और एक प्रशासनिक अधिकारी शामिल है। सीएम ने खुद ट्वीट कर ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हरदा के राजपूत छात्रावास में हुई मारपीट की घटना की जांच के बाद अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।

हरदा जिले में 13 जुलाई को पुलिस ने लोगों पर निर्ममता से लाठियां भांजी। करणी सेना के कार्यकर्ताओं को तितर बितर करने के लिए पुलिस हैवानियत पर उतर आई। सड़क पर तो लोगों को मारा ही, राजपूत छात्रावास में घुसकर कई निरपराध युवकों की पिटाई कर अपनी भड़ास निकाली।

पुलिस के इस बर्बर लाठीचार्ज की पूरे प्रदेश में जमकर निंदा हुई। प्रदेशभर में करणी सेना और राजपूत इस घटना से गुस्सा उठे। इस पर बीजेपी सचेत हुई और सरकार ने मामले की जांच कराने व दोषी पाए जानेवाले अधिकारियों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाकर राजपूतों को शांत किया।

पांच अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए हरदा से हटाया

मामले में जांच के बाद सरकार ने अब पांच अधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें हरदा जिले से हटा दिया है। हरदा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, एसडीएम एवं एसडीओपी को तत्काल प्रभाव से हरदा जिले से हटाया गया है। इसके अलावा हरदा कोतवाली थाना प्रभारी तथा ट्रैफिक थाना प्रभारी को भी हटाकर नर्मदापुरम आई जी कार्यालय में अटैच किया गया है।

इन अधिकारियों पर कार्रवाई
एडिशनल एसपी आरडी प्रजापति
एसडीएम कुमार शानू देवडिया
एसडीओपी अर्चना शर्मा
टीआई सिटी कोतवाली प्रहलादसिंह मर्सकोले
यातायात प्रभारी संदीप सुनेश

राजपूतों की नाराजगी देख स्थिति संभालने की कोशिश की

हरदा में करणी सेना का प्रदर्शन खत्म कराने पुलिस बर्बरता पर उतर आई थी। 12 और 13 जुलाई यानि दो दिनों में तीन बार लाठीचार्ज किया गया। छात्रावास में घुसकर युवकों को मारा जिससे आम लोग भी गुस्सा गए। लोगों ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने जाति पूछकर लाठियां बरसाईं। बीजेपी नेताओं ने हरदा की घटना को पहले कुछ व्यक्तियों के बीच के आपसी लेनदेन से जुड़ा विवाद बताया था लेकिन बाद में खासकर राजपूतों की नाराजगी देख स्थिति संभालने की कोशिश की। उधर सीएम मोहन यादव ने छात्रावास प्रकरण की विस्तृत जांच रिपोर्ट बुलाने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात कही थी।