mp election 2023 - आचार संहिता के नियमों से लोग पसीना-पसीना, अनुमति के लिए 10 से ज्यादा बिंदुओं पर मांगी जा रही जानकारी...।
प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता की वजह से आम लोग खासे परेशान हैं। दरअसल, आचार संहिता की गाज राजनीतिक के साथ-साथ गैर राजनीतिक आयोजनों पर भी गिर रही है। यदि कोई सामाजिक सभा, सम्मेलन अन्य कार्यक्रम से लेकर दुर्गोत्सव में गरबा और विवाह समारोह करना है तो उसका पूरा ब्योरा गाइडलाइन के हिसाब से देते हुए अनुमति लेनी होगी।
शर्तें इतनी सख्त हैं कि सामाजिक आयोजनकर्ताओं को फॉर्मेट भरकर जमा करवाने में पसीना आ रहा है। जिला निर्वाचन पदाधिकारियों की ओर से जारी फॉर्मेट में साधन-संसाधन से लेकर हर बात का ब्योरा मांगा जाता है। मंच और टेंट की साइज भी बतानी पड़ रही इंदौर के एक परिवार में दीपोत्सव के बाद विवाह कार्यक्रम और आशीर्वाद समारोह होना है। इसके लिए उन्हें अनुमति लेनी ही होगी। इसके साथ ही जिला निर्वाचन अधिकारी को दिए आवेदन के साथ अनिवार्य रूप से एक फॉर्मेट में मंच और टेंट की साइज (वर्गफीट में), माइक और साउंड सिस्टम का प्रकार व संख्या, कुर्सियों की संख्या, कारपेट एरिया (वर्गफीट में), आयोजन में आने वाले व्यक्तियों की संख्या, चायपानी और भोजन आदि, फूलमालाएं व स्वागत समेत दस बिंदुओं में विवरण देना होगा। नहीं तो बिना अनुमति के डीजे या बैंड बजाने पर पुलिस आपका 'बैंड' बजा सकती है।
भोपाल के एक बड़े टेंट कारोबारी का कहना है कि आवेदन के साथ डीजे और बैंड की जानकारी देना जरूरी है। लोगों ने बताया कि आवेदन व फॉर्मेट छोड़कर जाने को कहा जाता है। ऐसे में आवेदन खोने का डर है और साक्ष्य नहीं हुआ तो क्या होगा।
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