MP News: इंदौर में निवेश के नाम पर मुनाफे का लालच देकर हुई 20.18 लाख की ठगी ने चिटफंड कंपनी के बड़े नेटवर्क की पोल खोल दी। दुबई में हेड ऑफिस बनाकर गैंग दो फर्जी फर्म से 10 राज्यों में चिटफंड का नेटवर्क चला रही थी। निवेश के नाम पर हर माह 6 से 8% मुनाफे का लालच देकर 2023-24 में 23 अरब बटोर लिए। मप्र एसटीएफ (MP STF) ने इस गैंग का भंडाफोड़ किया है। दिल्ली के दो आरोपियों मदन मोहन कुमार और दीपक शर्मा को भी गिरफ्तार किया है। (chitfund racket exposed)
गैंग ने यॉर्कर एफएक्स और यॉर्कर कैपिटल के नाम की दो फर्जी फर्म बनाई। इसमें बॉट-बो सॉफ्टवेयर से मेटा-5 अकाउंट में ट्रेडिंग कराती थी। लोगों से रुपए जमा कराने के लिए रेंटल टेक्नोलॉजी और इंडेंट बिजनेस सॉल्यूशन के नाम से खाते खोले। इन्हीं में चिटफंड के रुपए जमा कराए। एटीएस के एआइजी नवीन चौधरी, भोपाल एसटीएफ एसपी राजेश सिंह भदौरिया ने शुक्रवार को खुलासा किया। उन्होंने बताया सभी राज्यों में इसके सरगना हैं। अब ईडी भी फेमा (विदेशी मुद्रा प्रबंधन) एक्ट के तहत जांच कर रही है।
इंदौर के ईशान सलूजा ने फर्जी फर्म यॉर्कर एफएक्स और यॉर्कर कैपिटल में निवेश के बाद ₹20.18 लाख की धोखाधड़ी की शिकायत की थी। एसटीएफ ने जांच की तो चौंकाने वाली कड़ियां मिलीं। जांच में पता चला, दिल्ली के दो आरोपियों मदन मोहन व दीपक शर्मा ने साथियों के साथ मिलकर ठगी की।
जांच में पता चला कि इंडेंट बिजनेस सॉल्यूशन के खाते में 2023-24 में 72 अरब रुपए का ट्रांजेक्शन किया गया। रेंटल टेक्नोलॉजी के खाते में इसी वर्ष 15.80 अरब के ट्रांजेक्शन मिले। एसटीएफ जांच कर रही है।
इस खबर की ताजा अपडेट यहां पढ़े -2300 करोड़ के चिटफंड फ्रॉड में बड़ा खुलासा, कमीशन पर फंसाते थे लोग, 90% पैसा दुबई शिफ्ट
Updated on:
22 Jun 2025 10:33 am
Published on:
21 Jun 2025 08:57 am